इस साल सभी गाड़ियों में लग जाएंगे बायो-टॉयलेट

इस साल सभी गाड़ियों में लग जाएंगे बायो-टॉयलेट

Anita Peddulwar
Update: 2018-01-10 09:19 GMT
इस साल सभी गाड़ियों में लग जाएंगे बायो-टॉयलेट

डिजिटल डेस्क,नागपुर । स्वच्छता अभियान की कड़ी में रेेलवे का सहभाग भी महत्वपूर्ण कहा जाएगा।रेलवे बायो टायलेट का निर्माण कर इस मुहिम को सफल बनाने में कदम बढ़ाया है। वैसे रेलवे ने वर्ष 2018 के आखिर तक सभी गाड़ियों में बायो-टॉयलेट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसको देखते हुए इस वर्ष नागपुर में 3 हजार बायो टॉयलेट का निर्माण किया जानेवाला है। यह जानकारी मोतीबाग वर्कशॉप के मैनेजर पी.एस. खैरकर ने पत्रकारों को दी है। मंगलवार को मोतीबाग वर्कशॉप में बायो-टॉयलेट के निर्माण पर हुई पत्र-परिषद में वह बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि बायो-टॉयलेट की संरचना और प्रक्रिया कुछ ऐसी होती है कि इसमें जमा होनेवाला मल बैक्टीरिया के माध्यम से पूरी तरह से खत्म किया जाता है। केवल पानी ही पटरियों पर निकलता है, जिससे गंदगी नहीं होती है। पुरानी शैली के शौचालयों में मल सीधे पटरियों पर बिखरता था और गंदगी बढ़ती जाती थी। बायो-टॉयलेट के कारण इस गंदगी से राहत मिली है। 
भारतीय रेलवे का बायो-टॉयलेट प्लांट नागपुर के मोतीबाग में है। इसके अलावा देश में निजी तौर पर भी इसका निर्माण हो रहा है। गत वर्ष नागपुर में ढाई हजार टॉयलेट का निर्माण किया गया था। विभिन्न रेलगाड़ियों में अब तक कुल 1483 टॉयलेट अभी तक लगाए गए हैं। दपूम रेलवे नागपुर विभाग की बात करें तो 53 बायो-टॉयलेट लगाए गए हैं।
यात्रियों की लापरवाही पड़ रही भारी
श्री खैरकर ने बताया कि सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होने से बायो-टॉयलेट ठीक तरह से काम नहीं कर पा रहा है। कुछ यात्री टॉयलेट में पानी की बोतलें, गुटखा पाउच, पेपर आदि फेंक देते हैं, जिससे यह चोक हो जाता है। इसे तकनीकी रूप में पूर्ववत स्थिति में लाना पड़ता है और तब तक इसका इस्तेमाल नहीं होता है। यात्रियों की लापरवाही बायो टायलेट के लिए भारी पड़ रही है। इसे लेकर लोगों में जागरुकता लाना होगा तभी यह प्रणाली कारगर हो सकती है।

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