राज ठाकरे का BJP पर निशाना, कहा - देश का विकास नहीं हुआ तो उठा लिया मंदिर मुद्दा

राज ठाकरे का BJP पर निशाना, कहा - देश का विकास नहीं हुआ तो उठा लिया मंदिर मुद्दा

Tejinder Singh
Update: 2018-07-18 13:52 GMT
राज ठाकरे का BJP पर निशाना, कहा - देश का विकास नहीं हुआ तो उठा लिया मंदिर मुद्दा

डिजिटल डेस्क, पुणे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर बनना ही चाहिए, लेकिन केवल चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाया न जाए। राज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने देश का विकास नहीं किया, इसलिए अब यह विषय को उठाया जा रहा है। ताकि लोगों की भावनाओं को भुनाकर फिर वोट हासिल किए जाएं। मराठवाड़ा दौरे से राज ठाकरे ने मीडिया से कई मुद्दों पर अपनी पार्टी की भूमिका स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले चार सालों से देश का विकास नहीं किया है। यह छिपाने के लिए अब राम मंदिर का मुद्दा उठाया है रहा है।

अब नीट की परीक्षा पर होगी मनसे की नजर
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में नीट परीक्षा में स्थानीय विद्यार्थियों को प्रवेश देने में प्राथमिकता दी जाए, इसपर उनकी पार्टी की भूमिका स्पष्ट है। हर साल नीट की परीक्षा के दौरान स्थानीय विद्यार्थियों के मामले में सवाल खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और अभिभावक मेरे पास आते हैं। यह अब कितने दिन चलेगा? राज्य सरकार को इस पर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। अगर इस बार भी महाराष्ट्र के विद्यार्थियों के साथ नाइंसाफी हुई, तो मनसे परीक्षा पर पैनी नजर रखेगी।

दूध आंदोलन के लिए सरकार जिम्मेदार 
राज्य में जारी दूध आंदोलन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए ठाकरे ने कहा कि तीन दिनों से यह आंदोलन शुरू है, मगर सरकार ने अब तक इसकी सुध नहीं ली है। आंदोलन से पहले ही सरकार को किसानों के साथ बैठक करनी चाहिए थी, उनसे चर्चा करनी चाहिए थी। केवल अमूल दूध ही महाराष्ट्र लाया जा सके, इसके लिए सरकार प्रयत्नशील है। मुख्यमंत्री समेत राज्य सरकार का कोई भी मंत्री खुद निर्णय नहीं ले रहा। सब हुक्म के गुलाम बने बैठे हैं। ठाकरे ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, पहले देश को फिट बनाए फिर फिटनेस चैलेंज देखे।

छत्रपति शिवाजी महाराज के गढ़, किलों पर खर्च करें
अरब सागर में निर्माण किए जा रही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई को लेकर विधानसभा में हंगामा किया गया। इस पर ठाकरे ने कहा कि वे शुरू से ही प्रतिमा निर्माण का विरोध कर रहे हैं। अरब सागर में प्रतिमा निर्माण के लिए दस हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इतना खर्च करने की बजाय महाराज के पहले से जो स्मारक निर्माण किए गए हैं, उनपर और गढ़, किलों पर खर्च किया जाना चाहिए। 

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