दो सीटे मिलने पर महागठबंधन में शामिल होने को तैयार हैं राजू शेट्टी,  अहमदनगर सीट कांग्रेस को देने तैयार नहीं एनसीपी

दो सीटे मिलने पर महागठबंधन में शामिल होने को तैयार हैं राजू शेट्टी,  अहमदनगर सीट कांग्रेस को देने तैयार नहीं एनसीपी

Tejinder Singh
Update: 2019-03-01 16:16 GMT
दो सीटे मिलने पर महागठबंधन में शामिल होने को तैयार हैं राजू शेट्टी,  अहमदनगर सीट कांग्रेस को देने तैयार नहीं एनसीपी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस के महागठबंधन की तरफ से बुलढाणा और वर्धा लोकसभा सीट नहीं छोड़ने के बाद अब सांसद राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन को अब सांगली लोकसभा सीट मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार अभी तक तीन लोकसभा सीटों की मांग पर अड़े सांसद शेट्टी महागठबंधन से दो सीटें मिलने पर मान जाएंगे। शुक्रवार को शेतकरी संगठन के प्रवक्ता अनिल पवार ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने अहमदनगर लोकसभा की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी है। इसके बदले में पवार ने कांग्रेस से सांगली सीट ली है। इसलिए अब हमें भरोसा है कि पवार सांगली की सीट शेतकरी संगठन के लिए छोड़ेंगे। पवार ने कहा कि हम महागठबंधन से हातकणंगले के अलावा बुलढाणा और वर्धा लोकसभा सीट मांग रहे थे। लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अपने कोटे वाली बुलढाणा सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। वहीं वर्धा की सीट पर कांग्रेस लड़ना चाहती है। कांग्रेस कोटे की सांगली सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस को मिल गई है। हमें भरोसा है कि पवार सांगली सीट शेतकरी संगठन को दे देंगे।

तो शरद पवार को चुनौती दे सकते हैं शेट्टी 

दूसरी ओर स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस को सीटों के बंटवारे पर आठ दिनों में अंतिम फैसला लेने की चेतावनी दी है। पार्टी का कहना है कि आठ दिनों में फैसला नहीं हो पाया तो स्वाभिमानी शेतकरी संगठन राज्य में 15 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इसके लिए पार्टी की तरफ से पांच नेताओं की एक समिति बना दी गई है। यदि महागठबंधन से बात नहीं बन पाती है तो शेट्टी हातकणंगले के अलावा माढा सीट से राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। 

पूर्व अधिकारी देशमुख हो सकते हैं उम्मीदवार  

शेतकरी संगठन पार्टी सूत्रों के अनुसार यदि महागठबंधन शेतकरी संगठन के लिए सांगली सीट छोड़ता है तो शेट्टी प्रदेश सरकार के पूर्व अधिकारी इंद्रजीत देशमुख को सांगली से चुनाव में उम्मीदवारी दे सकते हैं। देशमुख शेट्टी के करीबी माने जाते हैं। साथ ही उनके शरद पवार से भी अच्छे संबंध हैं। देशमुख अध्यात्म पर व्याख्यान देने के लिए लोकप्रिय हैं। 

कांग्रेस को मिली अहमदनगर सीट 

आखिरकार अहमदनगर लोकसभा कांग्रेस को मिल गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को पंढरपुर में अहमदनगर सीट कांग्रेस को देने की घोषणा की। अब अहमदनगर सीट से विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील के बेटे सुजय विखे पाटील कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। अहमदनगर सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस के कोटे की होने के कारण विखे पाटील काफी समय से यह सीट कांग्रेस के लिए मांग रहे थे। इसके लिए उन्होंने पवार से भी मुलाकात की थी। बीते 24 फरवरी को विखेपाटील ने कहा था कि हमारे और पवार परिवार के बीच का संघर्ष अब खत्म हो गया है। मेरे पिता बालासाहब विखे पाटील और पवार के बीच वैचारिक संघर्ष था। लेकिन उनके निधन के बाद अब यह संघर्ष खत्म हो गया है। पवार वरिष्ठ नेता हैं हमें उन्हीं के नेतृत्व में काम करना है। इससे पहले सुजय विखे पाटील के समर्थकों ने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा में शामिल होने की तैयारी दिखाई थी। हालांकि विखे पाटील ने इसका खंडन किया था।  

अहमदनगर सीट कांग्रेस को देने तैयार नहीं राकांपा

वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने इस बात का खंडन किया है कि अहमदनगर लोकसभा सीट राकांपा ने कांग्रेस के लिए छोड़ दी है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के हवाले इस तरह की खबर आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पाटील ने ट्विट कर इस खबर का खंडन किया। शुक्रवार की शाम राकांपा प्रदेश अध्यक्ष पाटील ने ट्विट कर कहा कि कुछ न्यूज चैनलों ने यह खबर प्रसारित की है कि अहमदनगर सीट राकांपा ने कांग्रेस के लिए छोड़ दी है। लेकिन यह खबर सही नहीं है। इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मीडिया ने पवार के बयान को गलत तरीके से पेश किया। इस लिए इस तरह का भ्रम पैदा हुआ। दरअसल अहमदनगर सीट विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील अपने बेटे सुजय विखे पाटील के लिए चाहते हैं। यह सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस के कोटे की होने के कारण विखे पाटील काफी समय से यह सीट कांग्रेस के लिए मांग रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पवार से भी मुलाकात की थी। बीते 24 फरवरी को विखेपाटील ने कहा था कि हमारे और पवार परिवार के बीच का संघर्ष अब खत्म हो गया है। मेरे पिता बालासाहब विखे पाटील और पवार के बीच वैचारिक संघर्ष था। लेकिन उनके निधन के बाद अब यह संघर्ष खत्म हो गया है। पवार वरिष्ठ नेता हैं हमें उन्हीं के नेतृत्व में काम करना है। इससे पहले सुजय विखे पाटील के समर्थकों ने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा में शामिल होने की तैयारी दिखाई थी। हालांकि विखे पाटील ने इसका खंडन किया था।   
 

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