देशद्रोह मामले में रनौत की दलील- ट्वीट ने हिंसा के लिए नहीं उकसाया

देशद्रोह मामले में रनौत की दलील- ट्वीट ने हिंसा के लिए नहीं उकसाया

Tejinder Singh
Update: 2021-02-15 14:24 GMT
देशद्रोह मामले में रनौत की दलील- ट्वीट ने हिंसा के लिए नहीं उकसाया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने वकील के माध्यम से बांबे हाईकोर्ट सूचित किया है कि उनके किसी ट्वीट ने किसी को हिंसा के लिए नहीं उकसाया और इसकी वजह से कोई आपराधिक कृत्य भी नहीं हुआ है। हाईकोर्ट में रनौत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने फिलहाल रनौत व उनकी बहन रंगोली चंदेल को मिली अंतरिम राहत को बरकरार रखा है और मामले की सुनवाई 26 फरवरी 2021 को रखी है। 

याचिका में रनौत ने मुंबई पुलिस द्वारा देशद्रोह के आरोप को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। रनौत के वकील रिजवान सिध्दिकी ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल ने अपने ट्वीट के जरिए कुछ भी गलत कार्य नहीं किया है। निचली अदालत की ओर से मेरे मुवक्किल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश खामीपूर्ण है।

इस तरह से सिध्दिकी ने रनौत के खिलाफ दर्ज एफआईआर व मामला दर्ज करने के संदर्भ में मैजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को रद्द करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल की ओर से किए गए ट्वीट के संबंध में लोगों की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है। उनके (रनौत) ट्वीट ने किसी को हिंसा के लिए उत्तेजित नहीं किया है। मेरे मुवक्किल ने पुलिस के खिलाफ आधारहीन मामला दर्ज किया है। खासतौर से मेरे मुवक्किल के खिलाफ धराओं को लगाते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

याचिका में रनौत ने याचिका मे निचली अदालत के उस आदेश को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। 


 

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