राणे के मंत्री बनने के दावे पर केसरकर का पलटवार, बोले- नहीं बची कोई साख

राणे के मंत्री बनने के दावे पर केसरकर का पलटवार, बोले- नहीं बची कोई साख

Tejinder Singh
Update: 2017-12-10 10:07 GMT
राणे के मंत्री बनने के दावे पर केसरकर का पलटवार, बोले- नहीं बची कोई साख

डिजिटल डेस्क, मुंबई/अकोला। पूर्व कांग्रेस नेता नारायण राणे ने मुंबई में शनिवार को कहा कि उन्हें हाल ही में संपन्न विधान परिषद का उपचुनाव इसलिए नहीं लड़ने दिया गया, क्योंकि मुख्यमंत्री को भय था कि इसका गुजरात विधानसभा चुनाव पर असर पड़ सकता है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राणे सांगली में एक मराठी न्यूज चैनल से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने यह दावा भी किया वे 2017 में ही मंत्री बनेंगे और उन पर शिवसेना का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि विधान परिषद उपचुनाव उन्हें लड़ने दिया जाता तो उनकी जीत पक्की थी, लेकिन मुख्यमंत्री को लगा कि इसका गुजरात विधानसभा चुनाव में असर हो सकता है। इसलिए उन्हें मौका नहीं दिया गया। नतीजतन एनडीए की ओर से प्रसाद लाड ने पर्चा भरा और वे जीत गए। 

इस साल मंत्री बनेंगे, किया दावा

उन्होंने आगे कहा, ‘गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हो मैं इसी साल मंत्री बनूंगा। मुख्यमंत्री फडनवीस से चर्चा में मैंने जो कुछ समझा है, उससे स्पष्ट है कि गुजरात में भाजपा की सरकार बन जाने के बाद मुझे मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कह दिया जाएगा। यह भी कहा कि गुजरात में कांग्रेस से कड़ा मुकाबला होने के बावजूद भाजपा ही चुनाव जीतेगी। बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद राणे खुद की पार्टी ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान’ पक्ष बना चुके हैं, जो अब एनडीए का हिस्सा है।

केसरकर बोेले, अब नारायण राणे की कोई साख नहीं  

उधर, अकोला में गृहमंत्री दीपक केसरकर ने राणे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नारायण राणे ने अपने विधायक पद का इस्तीफा देकर भाजपा में प्रवेश करनेे के लिए प्रयास किया था। भाजपा ने राणे को जगह नहीं दी। अब राणे की कोई साख नहीं रही। ऐसे व्यक्ति का शिवसेना के संदर्भ में बोलना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे जनता के साथ है। शिवसेना हर घर में पहुंची । केसरकर ने कहा कि मेरा अकोला दौरा नहीं था, फिर भी मेरे आने पर भारी तादाद में शिवसैनिकों की उपस्थिति यही शिवसेना की लोकप्रियता दिखाती है। सरकार की विज्ञापनबाजी पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि विज्ञापन करना गलत नहीं है। वह जनहित में होने चाहिए। भाजपा हमारा मित्रपक्ष है इसलिए इस सवाल पर मै कुछ नहीं बोलूंगा। इस दौरान विधायक गोपीकिशन बाजोरिया के अलावा शिवसेना पदाधिकारी उपस्थित थे।

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