ईपीएफओ को कर्मचारियों के आधार कार्ड और बैंक ब्यौरा न देनेवाली कंपनी को राहत

ईपीएफओ को कर्मचारियों के आधार कार्ड और बैंक ब्यौरा न देनेवाली कंपनी को राहत

Tejinder Singh
Update: 2019-09-21 12:16 GMT
ईपीएफओ को कर्मचारियों के आधार कार्ड और बैंक ब्यौरा न देनेवाली कंपनी को राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधी कार्यालय (ईपीएफओ) को अपने कर्मचारियों के आधारकार्ड व बैंक से जुड़ी जानकारी न देन के कारण आपराधिक कार्रवाई का सामना कर रही कंपनी को राहत प्रदान की है। जानी-मानी कंपनी जेपी मार्गन सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों के आधारकार्ड व बैंक से जुड़ी जानकारी ईपीएफओ को नहीं दी थी। लिहाजा ईपीएफओ ने कंपनी के खिलाफ मुंबई के इस्पालंडे मैजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत की थी। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिक दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि आधारकार्ड व बैंक से जुड़ी जानकारी देने की बाध्यता को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 के विपरीत घोषित किया जाए। 

न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने दावा किया कि कंपनी को कर्मचारियों के आधारकार्ड व बैंक से जुड़ी जानकारी देने के लिए बाध्य करना संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 का उल्लंघन है। इसके साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधारकार्ड के संबंध में सितंबर 2018 में दिए गए फैसले के तहत कर्मचारियों के आधारकार्ड व बैंक से जुड़ी जानकारी न देने पर कार्रवाई करने से रोका गया है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी के कर्मचारी अपने आधारकार्ड व बैंक से जुड़ी जानकारी नहीं दे रहे है इसलिए कंपनी ईपीएफओ में कर्मचारियों के आधारकार्ड व बैंक से जुड़ा ब्यौरा देने में विफल रही है। 

वहीं ईपीएफओ की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता एसवी भरुचा ने कहा कि संस्थान को कर्मचारियों के आधारकार्ड व बैंक से जुड़ा ब्यौरा देना बाध्यकारी है। यह आनलाइन प्रक्रिया का हिस्सा है। इस मामले में याचिकाकर्ता को राहत प्रदान करने से ईपीएफओ को नुकसान होगा। इसलिए इस मामले में ईपीएफओ को अपना जवाब देने के लिए समय दिया जाए। 

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कंपनी को अंतरिम राहत के रुप में याचिका के प्रलंबित रहते कंपनी के खिलाफ मैजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर  की गई  शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी। और ईपीएफओ को मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2019 को रखी है। 

 

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