राज्य सिंधी साहित्य अकादमी का पुनगर्ठन, विदर्भ और नागपुर के कार्यकर्ताओं को मिला प्रतिनिधित्व

राज्य सिंधी साहित्य अकादमी का पुनगर्ठन, विदर्भ और नागपुर के कार्यकर्ताओं को मिला प्रतिनिधित्व

Tejinder Singh
Update: 2019-06-28 15:38 GMT
राज्य सिंधी साहित्य अकादमी का पुनगर्ठन, विदर्भ और नागपुर के कार्यकर्ताओं को मिला प्रतिनिधित्व

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सिंधी भाषा के विकास व सिंधी साहित्य के संवर्धन के लिए राज्य सरकार जोर दे रही है। पर्यटन व सांस्कृतिक कार्य विभाग के अंतर्गत राज्य सिंधी साहित्य अकादमी का पुनर्गठन किया गया है। सिंधी समाज की ज्यादातर संख्या मुंबई, उल्हासनगर के बाद नागपुर व विदर्भ के कुछ शहरों में हैं। समाज विकास से संबंधित कार्यों को अधिक गति से बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। अकादमी में अशासकीय सदस्य के ताैर पर नई नियुक्तियां की गई है। अकादमी की पुनरर्चना के तहत सांस्कृतिक कार्य विभाग के मंत्री आशीष शेलार अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव व राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के सहसंचालक को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। अशासकीय सदस्य के तौर पर नागपुर से किशन आसुदानी, किरण श्रीचंद दासवानी, मोहन मंजानी काे नियुक्त किया गया है। इनके अलावा विदर्भ से तुलसी सेतिया अमरावती, गोविंद कोडवानी तुमसर, हरीश अलमचंदानी अकोला, दिलीप गोपलानी गाेंदिया को सदस्य बनाया गया है।

योजनाएं बनेगी

राज्य सरकार ने राज्य सिंधी साहित्य अकादमी की पुनर्रचना के संबंध में शासनादेश भी जारी किया है। इस अकादमी को सिंधी समाज विकास से संबंधित योजनाओं के लिए विशेषाधिकार दिया जा रहा है। सिंधी भाषा विकास पर अधिक जोर दिया जाएगा। साथ ही मराठी व सिंधी भाषा के माध्यम से भाषातंर करके अन्य साहित्यों का भी प्रचार किया जाएगा।


 

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