50 फिट चौड़े नाले को पार कर जुगाड़ लगाकर नगरवासी लाते हैं पीने का पानी 

50 फिट चौड़े नाले को पार कर जुगाड़ लगाकर नगरवासी लाते हैं पीने का पानी 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-21 07:39 GMT
50 फिट चौड़े नाले को पार कर जुगाड़ लगाकर नगरवासी लाते हैं पीने का पानी 

डिजिटल डेस्क, सतना। ये नजारा है शहर के सबसे बड़े नाले का... इसे खेरमाई नाले के रुप में जाना जाता है। भरहुतनगर से नजीराबाद के बीच लगभग 7.25 किलोमीटर लंबा ये नाला कहीं 35 तो कहीं 50 फिट चौड़ा है। औसतन इसकी गहराई 10 से 15 फुट मानी जाती है। शहर के वार्ड नंबर 41 और वार्ड नंबर 42 के बीच स्थित इस नाले के वार्ड नंबर 41 के रहवासियों की मुश्किल ये है कि उनके पास पेयजल के लिए कोई पुख्ता स्त्रोत नहीं हैं। इस वार्ड के रहने वाले पीने के पानी के लिए नाला पार स्थित वार्ड नंबर 42 की सप्लाई पर निर्भर हैं। ये सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। मोटर लाइन के पास लोगों ने नाला पार कराने के लिए स्वयं की लगभग 50 फीट पाइप लाइनें डाल रखी थीं। मगर, अब इन पाइप लाइनों का ताना बाना ध्वस्त हो चुका है। 

क्यों आई ये नौबत 
रहवासियों ने बताया कि इन दिनों शहर के इस सबसे बड़े नाले के चैनलाइजेशन का काम चल रहा है। फरवरी 2018 में काम की शुरुआत हुई थी। नाले के दोनों ओर पक्की दीवारें खड़ी करने के लिए 19 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। ये प्रोजेक्ट नगर निगम की अमृत योजना के 7 घटकों में से एक है। जैसे ही नाले की खुदाई का काम शुरु हुआ,वैसे ही सैकड़ों की संख्या में नाले के ऊपर बिछाई गईं पाइप लाइनें तहस नहस हो गईं। यहीं से उन रहवासियों की मुश्किलें खड़ी हुईं जो नाला पार से आई पाइप लाइनों के माध्यम से पानी लेते थे। 

ऐसे करते हैं जुगाड़, रोज मारा-मारी 
लोहे की पाइप लाइनें उखड़ जाने के बाद अब उनके प्वाइंट बचे हैं। इन प्वाइंट पर अब प्लास्टिक के पाइप फंसाने के लिए हर सुुबह लोगों के बीच भारी जद्दोजहद होती है। कनेक्शन की पहचान खत्म हो जाने के कारण भ्रमवश लोग ये तय नहीं कर पाते हैं कि किसका कौन सा प्वाइंट है। एक - दूसरे के प्वाइंट का अपना बताने के लिए अक्सर मारी -मारी अब आम बात हो गई है। 

मगर, आगे राह नहीं आसान 
उधर, जानकारों का कहना है कि शहर के सबसे बड़े खेरमाई नाला को सुदृढ़ करने की इस कार्ययोजना में जवान सिंह कालोनी के आगे बांसनाका की ओर राह आसान नहीं है। ये नाला जैसे -जैसे नजीराबाद की ओर बढ़ता है,वैसे-वैसे अतिक्रमण का शिकार होने के कारण संकरा होता जाता है। नाले को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए भरहुतनगर से नजरीबाद के बीच कई मर्तबा सीमांकन भी कराया गया है। हाल ही में स्थल निरीक्षण पर पहुंचे कलेक्टर और नगर निगम के कमिश्नर ने भी माना था कि अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्यवाही के बगैर नाले का उद्धार संभव नहीं है।
 

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