पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने स्थितियों को अब और गंभीर बनाया -वैट कम करने की माँग

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने स्थितियों को अब और गंभीर बनाया -वैट कम करने की माँग

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-26 08:53 GMT
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डिजिटल डेस्क जबलपुर । पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से न केवल कृषि सेक्टर प्रभावित हो रहा है, बल्कि बाजार में छाई मंदी, कोरोना संकट से उपजे हालात और लॉकडाउन के बाद अब पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों ने स्थितियों को गंभीर बना दिया है। जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने प्रदेश शासन से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की माँग की है। 
चेम्बर के चेयरमैन प्रेम दुबे ने बताया कि सरकार अपनी हानियों की भरपाई के लिए जब चाहे पेट्रोलियम उत्पादों को निशाना बनाकर विभिन्न सेस लगाती आई है तथा वैट में बढ़ोत्तरी करती आई है जो बेहद अफसोसजनक है। प्रदेश में वर्तमान स्थिति में पेट्रोल पर राज्य का वैट 33 प्रतिशत है िजस पर सेस 3.50 प्रति लीटर है एवं कोविड सेस एक रुपए है, वहीं डीजल पर  वैट 23 प्रतिशत है जिस पर 2 रुपए प्रति लीटर सेस तथा एक रुपए का कोविड सेस है। 
दोगुना कीमत पर मिल रहा ईंधन
चेम्बर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की प्रति बैरल कीमत के हिसाब से आम जनता को पेट्रोल व डीजल दोगुना कीमत पर मिल रहा है। 
हर वर्ग होगा प्रभावित 
 चेम्बर के नरिंदर सिंह पांधे, राधेश्याम अग्रवाल, रजनीश त्रिवेदी, घनश्याम गुप्ता व शशिकांत पांडे का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि से हर वर्ग प्रभावित होगा, इसलिए राजकीय वैट को कम करके जनता को राहत दी जा सकती है। 
 

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