विमानतल पर उड़ान कम होने से पक्षियों का खतरा बढ़ा, डीजीसीए ने कहा - सावधानी बरतें

विमानतल पर उड़ान कम होने से पक्षियों का खतरा बढ़ा, डीजीसीए ने कहा - सावधानी बरतें

Tejinder Singh
Update: 2020-06-19 15:24 GMT
विमानतल पर उड़ान कम होने से पक्षियों का खतरा बढ़ा, डीजीसीए ने कहा - सावधानी बरतें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी के चलते सारे काम बंद पड़े है इस वजह से माहौल शांत होने पर वन्यजीव की एक्टिविटी बढ़ जाती है। इसी को ध्यान रखकर नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने सभी विमानतलों को सुरक्षित उड़ान के लिए परि-पत्रक जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि उड़ान कम होने के परिणाम स्वरूप वन्यजीव और पक्षियों की एक्टिविटी बढ़ जाती है। ऐसे में वन्यजीवों की एक्टिविटी पर विशेष ध्यान दें और नियमित उनकी मॉनिटरिंग करते रहे। उड़ान कम होने की वजह से हल्के में ना लें।

डीजीसीए का मानना है कि विमानतल पर ज्यादातर पक्षी इसलिए पहुंचते है क्योंकि विमानतल का क्षेत्र व्यस्ततम शहरी क्षेत्र के बाहर की ओर फैला होता है। वहां अविकसित जगह होती है और चारों ओर मैदान होने, शांति व घास होने की वजह से विमानतल पक्षियों का आकर्षित करता है। विमानतल के पास झील, तालाब आदि होने की वजह से वह उनको आकर्षित करने का बड़ा कारण बनते है और पानी वाले क्षेत्र में रहने वाले पक्षी आकार में बड़े होने की वजह से वह विमानों के लिए अधिक घातक होते है। इसलिए विमानतल पर घास की कटाई, मॉनिटरिंग और आदि सुरक्षा के मानों पर विशेष ध्यान दें।  मामले में विमानतल प्रबंधन का कहना है कि वह नियमित रूप से सुरक्षा पर काम कर रहे हैं।

इनका कहना है

एम. ए. आबिद, वरिष्ठ संचालक ने बताया कि हमारे यहां नियमित निरीक्षण किया जाता है और घास की कटाई की जाती है जिससे पक्षी उसमें छुप ना सकें। इसके साथ ही हम उड़ान के दौरान के अलावा समय-समय पर आवाज के लिए गन का उपयोग करते है जिससे पक्षियों को वहां से हटाया जा सके।

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