ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली सड़क को लेकर प्राधिकरण ने लिया संज्ञान, विभागों से मांगी रिपाेर्ट

ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली सड़क को लेकर प्राधिकरण ने लिया संज्ञान, विभागों से मांगी रिपाेर्ट

Tejinder Singh
Update: 2018-12-30 12:57 GMT
ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली सड़क को लेकर प्राधिकरण ने लिया संज्ञान, विभागों से मांगी रिपाेर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) क्षेत्र से गुजरने वाली सड़क परियोजना से संबंधित खबरों पर संज्ञान ले संबंधित विभागों ने एक माह में रिपोर्ट मांगी है। सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने संबंधी परियोजनाएं टीएटीआर के प्रस्तावित इको सेंसटिव जोन से गुजरने वाली हैं, जो बाघों के प्रसार क्षेत्र के लिए खतरा बन सकता है। एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस एसपी वागडी, के रामकृष्णन (न्यायिक सदस्य), डॉ. नागिन नंदा (विशेषज्ञ) ने खबर के आधार पर 20 दिसंबर को मामले पर विचार किया। 

टाइगर काॅरिडोर को छेड़ा न जाए 
प्राधिकरण के अनुसार पर्यावरण व वन्यजीवों की सुरक्षा व वन्यजीवों व मानव संषर्घ को टालने के लिए जरूरी है कि टाइगर काॅरिडोर को छेड़ा न जाए। ऐसी सड़क परियोजनाएं, जिनसे ताड़ोबा या अन्य टाइगर कॉरिडोर में व्यवधान पड़ने की संभावना है, उन पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। 

संबंधित विभाग करें बैठक  
प्राधिकरण ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र वन विभाग, एनटीसीए के सचिव और सदस्यों और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को मामले में संयुक्त बैठक करने और रिपार्ट देने का निर्देश दिया है। मामले में वन विभाग केंद्रीय एजेंसी बनाने तथा 28 फरवरी के पहले रिपार्ट सौंप देने का निर्देश दिया। मामले में एनजीटी 26 मार्च को फिर विचार करेगा।  

टाइगर प्रोजेक्ट से गुजरती है 100 किमी सड़क 
गडकरी ने 11 नवंबर 2010 को विभिन्न योजनाओं आधारशिला रखी थी। इसके अंतगर्त चंद्रपुर जिले में 5356 करोड़ रुपए की 576 किमी सड़क निर्माण व मरम्मत की योजना भी शामिल थी। इसमें से लगभग 100 किमी टाइगर प्रोजेक्ट से गुजरती है।

पूर्वी विदर्भ में 200 बाघ 
वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट, देहरादून की जून 2018 की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी विदर्भ क्षेत्र में लगभग 200 बाघ हैं। इसमें चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा, गड़चिरोली, नागपुर और यवतमाल शामिल हैं। 

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