झगड़ालु गांव के लिए चलित थाने का प्रयोग: सुनी जाएंगी समस्याएं

झगड़ालु गांव के लिए चलित थाने का प्रयोग: सुनी जाएंगी समस्याएं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-01 07:29 GMT
झगड़ालु गांव के लिए चलित थाने का प्रयोग: सुनी जाएंगी समस्याएं

 डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले के ऐसे गांव जहां अक्सर मारपीट समेत अन्य विवादों की सूचनाएं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचती है, ऐसे झगड़ालु गांवों में अब सिर्फ पुलिस कर्मी नहीं बल्कि पूरा थाना पहुंचेगा। दरअसल जल्द चलित थाने का प्रयोग होने वाला है। इस चलित थाने में खुद एसपी गौरव तिवारी के अलावा संबंधित थानेदार सहित पूरा अमला शामिल होगा। जो मौके पर शिकायतें सुन निराकरण करेगा। खासबात यह कि चलित थाना अकेले विवादित मामले नहीं सुनेगा बल्कि ग्रामीण अपनी अन्य समस्याएं भी बता सकेंगे। पुलिस विभाग अन्य समस्याओं व शिकायतों के आवेदन संबंधित विभाग को प्रेषित करेगा । चलित थाने की शुरूआत से पहले पुलिस विभाग ने जिले में सर्वे कर १०६ ऐसे गांव चिन्हित किए हैं जो अपराधों की दृष्टि से संवेदनशील माने जा रहे हैं। इन्हीं गांवों में चलित थाने का प्रयोग किया जाना है।
ऐसे किया चिन्हित
जिले के १९८८ गांवों में से पहले चार सौ गांव चिन्हित किए गए, जहां सबसे अधिक विवाद होते हैं। इन गांवों में से १०६ गांव ऐसे निकाले गए जिनमें एक साल में मारपीट समेत गंभीर मामलों के सौ से अधिक प्रकरण सामने आए हैं। इन १०६ गांवों को पुलिस ने अ वर्ग में रखा है। जिसे पुलिस संवेदनशील मानकर यहां चलित थाना लगाएगी।
२० किमी से अधिक दूरी वाले गांव शामिल-
इन १०६ गांवों में ऐसे गांव भी शामिल हैं जिनकी दूरी थाने से २० किलोमीटर से अधिक है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि ऐसे ग्रामीण अंचलों से पीडि़तों को थाने आने में काफी तकलीफ झेलनी पड़ती है। इस वजह से अब थाना उन पीडि़तों तक पहुंचेगा।
सुबह आठ बजे पहुंचेंगे पुलिसकर्मी-
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिस गांव में चलित थाना लगाया जाएगा। उस गांव में सुबह आठ बजे एक प्रधान आरक्षक और आरक्षक भेज दिया जाएगा। जो ग्रामीणों के आवेदन और शिकायतें एकत्र करेंगे। इसके बाद एसपी गौरव तिवारी और संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी मौके पर पहुंचकर शिकायतों का निराकरण करेंगे।
इन थाना क्षेत्रों के सर्वाधिक गांव-
जिले के दमुआ, नवेगांव, तामिया, हर्रई, बटकाखापा, बिछुआ, पांढुर्णा, सौंसर, लोधीखेड़ा, रावनवाड़ा, झिरपा और माहुलझिर थाना क्षेत्रों के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में पहले चलित थाना पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इन थाना क्षेत्रों में सर्वाधिक झगड़ालू और पहुंचविहीन गांव आते है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
जिले के १०६ संवेदनशील गांवों को चिन्हित कर चलित थाना लगाने का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि पीडि़तों को थाने तक न आना पड़े और गांव में ही उनकी समस्याओं का हल हो सके। हर शुक्रवार को इन गांवों में चलित थाना लगाया जाएगा।
-गौरव तिवारी, एसपी, छिंदवाड़ा

 

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