महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में भी बदलाव के लिए पहल करनी होगी

संजय राऊत बोले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में भी बदलाव के लिए पहल करनी होगी

Tejinder Singh
Update: 2021-10-03 13:16 GMT
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में भी बदलाव के लिए पहल करनी होगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि सालों से सत्ता की कुर्सी पर कब्जा जमाए हुए लोगों को हटाए बिना राजनीति शुद्ध नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गुजरात और पंजाब में मुख्यमंत्री के बदलने के साथ ही मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हुआ है। किसी समय महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में भी बदलाव के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के विधानमंडल दल नेता तथा प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात को यह पहल करनी होगी। रविवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के साप्ताहिक स्तंभ रोखठोक में राऊत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव देश का भविष्य तय करेंगे। गुजरात में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को एक झटके में बदल दिया। गुजरात की तरह कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने पंजाब में अलग ढंग से प्रयोग किया।

खुद को पंजाब समझने का गुमान रखने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को राहुल ने बदल दिया। कांग्रेस ने पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को मौका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में लगभग सभी स्थापित लोगों को घर में बैठा दिया था। सत्ता के आसपास कई वर्षों तक वही चेहरे देखे जाते हैं तो वे तिरस्कार के पात्र बन जाते हैं। इससे असंतोष बढ़ता है। राऊत ने कहा कि वैसे मुख्यमंत्री अमरिंदर को पद से हटाने के खिलाफ अभियान चलाने वाले कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू कुछ ज्यादा ही अविश्वसनीय निकले। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से ही इस्तीफा देने वाले सिद्धू ऐसे बेचैन और अतृप्त आत्मा हैं जिन्हें देश का राष्ट्रपति पद भी दे दिया जाए तो भी वे बेचैन और असंतुष्ट ही रहेंगे। 

समझ नहीं आता कि सरकार कर्नाटक पर चुप क्यों है   

कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में बेलगाम में केवल 15 प्रतिशत मराठी भाषी नागरिक होने के दावे पर शिवसेना सांसद राऊत ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषी लोगों के साथ लगातार अन्याय करती आ रही है। मुझे समझ में नहीं आता कि आखिर महाराष्ट्र सरकार चुप क्यों बैठी है? महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के समन्वयक मंत्री व प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को कर्नाटक में दौरान करना चाहिए। 


 

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