संजय राऊत का निशाना, बोले - धनगर समाज को आरक्षण देने का था दावा, जो सरकार बनाने के बाद भी फडणवीस ने पूरा नहीं किया

संजय राऊत का निशाना, बोले - धनगर समाज को आरक्षण देने का था दावा, जो सरकार बनाने के बाद भी फडणवीस ने पूरा नहीं किया

Tejinder Singh
Update: 2021-06-27 12:34 GMT
संजय राऊत का निशाना, बोले - धनगर समाज को आरक्षण देने का था दावा, जो सरकार बनाने के बाद भी फडणवीस ने पूरा नहीं किया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सत्तारूढ़ शिवसेना और कांग्रेस ने विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के सत्ता की बागडोर मिलने पर चार महीने में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण बहाल करने के दावे को लेकर कटाक्ष किया है। रविवार को शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि फडणवीस ने धनगर समाज को आरक्षण देने के लिए इसी तरह का दावा किया था। फडणवीस साल 2014 में जब विपक्ष में थे, तब उन्होंने बारामती में धनगर समाज के आंदोलन में कहा था कि यदि भाजपा की सरकार बनती है तो वे धनगर समाज को आरक्षण देने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मंजूर करेंगे। राऊत ने कहा कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव बाद फडणवीस पांच साल तक मुख्यमंत्री थे। उन्होंने धनगर आरक्षण के बारे में कोई फैसला नहीं किया। धनगर समाज अपनी मांग को लेकर अब भी संघर्ष कर रहा है। राऊत ने कहा कि भाजपा को आरक्षण को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। आरक्षण का मामला सामाजिक समता का है। 

जबकि प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि फडणवीस बड़े-बड़े आश्वासन देते हैं लेकिन वे उसको पूरा कभी नहीं करते। उन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री रहते हुए भी धनगर आरक्षण देने का वादा पूरा नहीं किया जबकि उन्होंने साल 2014 में कहा था कि सत्ता में आने के बाद राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में धनगर समाज को आरक्षण देंगे। सावंत ने कहा कि ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण रद्द करने के लिए भाजपा जिम्मेदार है। क्योंकि भाजपा सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी का अनुभवजन्य आंकड़ा मांगा था। इस बारे में तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। लेकिन मोदी सरकार ने दो साल बीत जाने के बावजूद ओबीसी का अनुभवजन्य आंकड़ा राज्य सरकार को नहीं दिया है। अब इसमें ठाकरे सरकार का क्या दोष है? अब भाजपा अपने पाप को छिपाने के लिए सरकार पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रही है। इससे पहले शनिवार को फडणवीस ने नागपुर में कहा था कि यदि मुझे सत्ता मिली तो मैं तीन से चार महीने में ओबीसी आरक्षण कायम करवा दुंगा। यदि मैं ऐसा नहीं कर पाया तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। 

राऊत उद्धव का खाते हैं, जीते हैं पवार के लिए- पडलकर 

दूसरी ओर राऊत के बयान पर भाजपा के विधायक गोपीचंद पडलकर ने पलटवार किया है। पडलकर ने कहा कि राऊत शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का खाते हैं लेकिन जीवन राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के लिए जीते हैं। धनगर समाज को राऊत की जरा भी जरूरत नहीं है। पडलकर ने कहा कि फडणवीस सरकार ने धनगर समाज के लिए एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने धनगर समाज को एक भी रुपया नहीं दिया है। राऊत को इस बारे में राऊत स्पष्टीकरण देना चाहिए। 

 

Tags:    

Similar News