देश भर से सरस्वती विद्यालय के पूर्व छात्र, शिक्षक और संस्था सदस्य रहेंगे मौजूद, 16 से 20 तक वर्षगांठ समारोह

देश भर से सरस्वती विद्यालय के पूर्व छात्र, शिक्षक और संस्था सदस्य रहेंगे मौजूद, 16 से 20 तक वर्षगांठ समारोह

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-15 08:19 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। दक्षिण भारतीय शिक्षण संस्था की 125वीं वर्षगांठ का आयोजन 16 से 20 फरवरी तक सरस्वती विद्यालय परिसर में किया जाएगा। कार्यक्रम में पूरे देश से विद्यालय के पूर्व शिक्षक, छात्र, एलुमिनाई और संस्था के पूर्व सदस्य भी माैजूद रहेंगे। इसके लिए दक्षिण से करीब 50 और मुबंई से 40 पूर्व विद्यार्थी, शिक्षक और संस्था सदस्य शामिल होंगे। सरस्वती विद्यालय की स्थापना 1894 में राव बहादुर वासुदेव मुदलियार ने की थी। नागपुर शहर में हिस्लॉप कॉलेज के बाद सबसे पुराना स्कूल सरस्वती विद्यालय है।

कार्यक्रम की रूपरेखा 
मुख्य अतिथि सरस्वती स्कूल के छात्र रह चुके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित 16 फरवरी को कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। 17 फरवरी को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में चेन्नई की संगीतकर रंजनी और गायत्री कर्नाटक संगीत की प्रस्तुति देंगी। 18 को दिल्ली से आए कलाकार टीवी वर्धरंजन तमिल नाटक ‘त्यागर्जर’ और 19 को ‘प्लास्टिक कडवुल’ नाटक की प्रस्तुति देंगे। 20 फरवरी को तमिलनाडु की रमा वैद्यनाथम भरतनाट्यम की प्रस्तुति देंगी।

इन्होंने विद्यालय का नाम रोशन किया 
इस विद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों में राजप्पा मनियन, मूर्ति राजन, एम. एस. मनियन ने विदर्भ और केंद्रीय जोन क्रिकेट टीम का मार्गदर्शन कर चुके हैं, साथ ही वर्तमान विदर्भ क्रिकेट टीम के कैप्टन फैज फजल, खिलाड़ी अक्षय वादकर ने लगातार दो बार रणजी ट्राफी अपने नाम कर स्कूल का नाम रोशन किया है। यह जानकारी दक्षिण भारतीय शिक्षण संस्था के प्रेसिडेंट टी. के. व्यंकटेश, सचिव वी. दुराईराजन, सदस्य ए. नटराजन अय्यर, टी. जी. जानकीरमण, आर.एस. सुंदरम, एस. जयरमण, एस. जानकीरमण, जी. विजय संपथ और जगदीशन ने प्रेस कांफ्रेंस में दी।

विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का वार्षिक अधिवेशन 17 को
विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ जिला नागपुर ग्रामीण का वार्षिक अधिवेशन हिंगना स्थित नेहरू विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय में रविवार 17 फरवरी को सुबह 10.30 बजे से होगा। अधिवेशन में पुरानी पेंशन योजना, 7वां वेतन आयोग के अलावा शिक्षक, विद्यार्थी व अभिभावकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। अधिवेशन में बतौर अध्यक्ष पूर्व विधायक वी.यू. डायगव्हाने,पूर्वमंत्री रमेशचंद्र  बंग, प्रमुख अतिथि के रूप में कवि ज्ञानेश वाकुड़कर, श्रावण बरडे, डॉ. अशोक गव्हानकर, लक्ष्मण राठोड़, आनंदराव कारेमारे आदि उपस्थित रहेंगे। 

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