जारी रहेगी सेमिस्टर प्रणाली , यूजीसी ने भी किया बंद करने से इनकार

जारी रहेगी सेमिस्टर प्रणाली , यूजीसी ने भी किया बंद करने से इनकार

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-08 08:54 GMT
जारी रहेगी सेमिस्टर प्रणाली , यूजीसी ने भी किया बंद करने से इनकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के गैर कृषि विश्वविद्यालयों में चल रही सेमिस्टर प्रणाली बंद करने की सारी उम्मीदों पर पानी फिर चुका है। राज्य सरकार द्वारा सेमिस्टर प्रणाली बंद करने से इंकार के बाद अब यूजीसी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सेमिस्टर प्रणाली बंद करने का उनका कोई विचार नहीं है। यूजीसी अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह ने नागपुर में कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली से मैच करने के लिए हमारे यहां भी सेमिस्टर प्रणाली कायम रखना जरूरी है। इसलिए विश्वविद्यालय को सेमिस्टर सिस्टम बंद करने की कोई उम्मीद नहीं पालनी चाहिए। 

विद्यार्थियों का होता है नुकसान
बता दें कि राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत अन्य गैर कृषि विश्वविद्यालय लगातार सेमिस्टर सिस्टम बंद करने की मांग कर रहे हैं। विश्वविद्यालयों के अनुसार क्षेत्रीय जरूरतों और जीवनशैली के मुताबिक हमारे शिक्षा संस्थानों में सेमिस्टर प्रणाली सफल नहीं है। एक कार्यक्रम में नागपुर विवि के प्रकुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने प्रश्नोत्तर काल में प्रो. सिंह को यह सलाह दी थी। डॉ. येवले ने कहा कि नागपुर विभाग में, खास करके ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं, जो काम के साथ पढ़ाई करते हैं। सेमिस्टर सिस्टम मंे तो प्रत्येक सेमिस्टर में कम से कम दो माह परीक्षाएं ही चलती हैं। बीए, बीएससी जैसे पाठ्यक्रमों में तो परीक्षाएं दो से तीन माह तक चलती हैं, जिससे विद्यार्थियों को नुकसान होता है। लेकिन प्रो. सिंह ने उक्त कारण बताते हुए  प्रणाली बंद करने से इंकार कर दिया। 

राज्य सरकार पहले ही मना कर चुकी 
बता दें कि अप्रैल 2018 में राज्य शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के साथ प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं से बैठक हुई थी। जिसमें सरकार ने सेमिस्टर प्रणाली बंद करने से साफ इंकार कर दिया था। सरकार की दलील थी कि अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के बाद ही प्रदेश में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में यह प्रणाली लागू की गई है। साथ ही केंद्रित मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर रखा है कि जो विवि सेमिस्टर प्रणाली लागू नहीं करेगा, उसका अनुदान बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में अनुदान की खातिर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को अपने यहां सेमिस्टर प्रणाली शुरू रखनी होगी। 

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