मनपा कर्मचारी व शिक्षकों का सातवां वेतन आयोग अटका, नए आयुक्त अलग से चर्चा करने नहीं तैयार

मनपा कर्मचारी व शिक्षकों का सातवां वेतन आयोग अटका, नए आयुक्त अलग से चर्चा करने नहीं तैयार

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-24 06:20 GMT
मनपा कर्मचारी व शिक्षकों का सातवां वेतन आयोग अटका, नए आयुक्त अलग से चर्चा करने नहीं तैयार

 डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मनपा कर्मचारी व शिक्षकों के सातवें वेतन आयोग का मामला आयुक्त के तबादले से अटक गया है। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने मनपा कर्मचारी-शिक्षकों को सातवां वेतनमान लागू करने संबंध में मुंबई में बैठक की थी। बैठक में आदेश दिया था कि 4 फरवरी तक प्रशासन सातवां वेतनमान लागू करने संदर्भ में आदेश निकाले और 6 फरवरी से कर्मचारियों को उसका फायदा दें। लेकिन इस बीच नगर विकास विभाग की प्रधानसचिव मनीषा म्हैसकर का तबादला हो गया और नागपुर में  नये आयुक्त के रूप में तुकाराम मुंढे ने पदभार संभाल लिया है।  सातवें वेतनमान को  लेकर मनपा के शिक्षक व कर्मचारी संगठन, आयुक्त तुकाराम मुंढे को अलग से समय मांग रहे है ताकि बात कर समस्या का समाधान निकल सके।  इस बारे में समय मांगने के लिए संगठन की ओर से आयुक्त को चार बार पत्र भेजा जा चुका है। लेकिन आयुक्त अलग से समय देने को तैयार नहीं है।

आयुक्त का कहना है कि रोजाना 4 से 5 बजे के बीच सबके मिलने (जनता दरबार) का समय है। उसी समय आकर मिले। लेकिन आम जनता के सामने शिक्षक-कर्मचारी मिलने से डर रहे है। उन्हें डर है कि आयुक्त मुंढे ने आम जनता के सामने उनकी खिंचाई कर दी तो रही-सही इज्जत भी गंवानी पड़ेगी।

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पिछले कुछ दिनों के उदाहरणों को देखते हुए यह डर और भी बढ़ गया है।  अभी छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर ही आयुक्त मुंढे ने एक कर्मचारी का मोबाइल जब्त किया तो जिंस पैंट पहनकर आने वालों को लताड़ लगाई। ऐसे में कर्मचारी सबके सामने उनसे मिलने से बच रहे है। पर आयुक्त है कि अलग से समय देने भी तैयार नहीं है।  पिछले वर्ष मनपा स्थायी समिति के सभापति प्रदीप पोहाणे ने अपने बजट भाषण में कर्मचारी-शिक्षकों को सातवां वेतनमान लागू करने की घोषणा की थी। इस बाबत तत्कालीन मुख्य वित्त व लेखा अधिकारी ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा था। इसमें कुछ मामूली त्रुटियां होने पर दूसरी बार सुधारित प्रस्ताव भेजा गया। इस बीच विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता लग गई।

चुनाव के बाद सरकार गठन में एक महीने से अधिक का समय लग गया। ऐसे में सातवें वेतन का मामला ठंडा पड़ गया। कर्मचारी-शिक्षक संगठन प्रयास करते रहे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने मनपा कर्मचारी-शिक्षकों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुंबई में बैठक ली। नागपुर से कई शिक्षक व कर्मचारी संगठन नेता शामिल हुए। इस दौरान श्री पटोले ने स्पष्ट निर्देश देते हुए प्रशासन को 4 फरवरी तक जीआर जारी करने और 6 फरवरी को उसे लागू करने का आदेश दिया। लेकिन प्रधानसचिव और मनपा आयुक्त का तबादला होने से पूरा मामला बिगड़ गया। अब स्थिति यह है कि कर्मचारी-शिक्षक संगठन के नेता भी आयुक्त तुकाराम मुंढे की कार्यशैली को देखते हुए उनसे मिलने से बच रहे है। 

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