शरद पवार को किताब जन राज्यपाल पर एतराज

शरद पवार को किताब जन राज्यपाल पर एतराज

Tejinder Singh
Update: 2020-10-28 15:52 GMT
शरद पवार को किताब जन राज्यपाल पर एतराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व महाराष्ट्र की महा आघाड़ी सरकार के शिल्पकार शरद पवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सक्रियता रास नहीं आ रही है। पवार ने राज्यपाल को पत्र लिख कर उनके एक साल के कामकाज को लेकर प्रकाशित पुस्तक ‘जन राज्यपाल’ पर खिंचाई की है। महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर कोश्यारी का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर राजभवन ने उनके एक साल के कामकाज को लेकर ‘जन राज्यपाल’ शीर्षक से कॉफी टेबल बुक प्रकाशित की है। इसकी एक प्रति राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी भेजी गई थी। पुस्तक में बताया गया है कि एक साल के दौरान राज्यपाल ने ढाई सौ से अधिक कार्यक्रमों में भाग लिया और 200 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने राज्य के लगभग सभी जिलों का दौरा भी किया। राज्यपाल की इतनी सक्रियता पवार को पसंद नहीं आई है। किताब मिलने पर राज्यपाल को लिखे पत्र में पवार ने कहा है कि आपके द्वारा प्रकाशित पुस्तक मिली। पर भारतीय संविधान में ‘जन राज्यपाल’ संबंध का उल्लेख नहीं दिखाई देता। 

पवार ने पुस्तक भेजने के लिए राज्यपाल का आभार मानते हुए अपने पत्र में कहा है कि ‘इस पुस्तक में एक-दो शपथ ग्रहण समारोह को छोड़ कर बाकी के चित्र, स्वागत समारोह, दीक्षांत समारोहों, विशिष्ट लोगों से भेंट व सामाजिक संगठनों के कार्यक्रमों के चित्र देखने को मिले। लेकिन धर्मनिरपेक्षता को लेकर आप द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दी गई सलाह और उस पर आप को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सलाह का उल्लेख नहीं है। अपने एतिहासिक कामकाज का लेखा-जोखा भेजने के लिए धन्यवाद।’ इस पत्र के माध्यम से पवार ने राज्यपाल को निशाना बनाने की कोशिश की है। 

 

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