नाणार परियोजना को लेकर शिवसेना नाराज, राणे बोले-एक ईंट नहीं रखने दूंगा

नाणार परियोजना को लेकर शिवसेना नाराज, राणे बोले-एक ईंट नहीं रखने दूंगा

Tejinder Singh
Update: 2018-06-27 15:07 GMT
नाणार परियोजना को लेकर शिवसेना नाराज, राणे बोले-एक ईंट नहीं रखने दूंगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोंकण की नाणार ग्रीन रिफायनरी परियोजना को लेकर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिवसेना और भाजपा के बीच एक बार फिर से तनाव पैदा हो गया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिवसेना के मंत्रियों ने केंद्र सरकार द्वारा सऊदी अरामको और एडनॉक कंपनी से करार करने के फैसले की निंदा की। शिवसेना नेता व प्रदेश के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को अंधेरे में रख कर यह करार किया है। शिवसेना रत्नागिरी में परियोजना नहीं लगने देगी।

शिवसेना के मंत्रियों के आक्रामक तेवर के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नाणार परियोजना के मुद्दे पर उद्योग मंत्री देसाई के साथ 28 जून को बैठक करूंगा। हालांकि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग (मीडिया) केवल अफवाह फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि जो बात राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में होती ही नहीं है, आप लोग उसको तुल देते हैं। वहीं शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात करने से इनकार कर दिया है।

इससे पहले मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना के मंत्री रावते ने कहा कि केंद्र ने प्रदेश सरकार को बिना विश्वास में लिए करार किया है। मैंने इस मुद्दे को मंत्रिमंडल की बैठक में उठाया। मुख्यमंत्री से केंद्र के फैसले को लेकर नाराजगी जताई है। रावते ने कहा कि केंद्र सरकार परियोजना को रोकने की बजाय गति दे रही है। परियोजना के करार के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई को नहीं बुलाया गया।

एक ईंट नहीं रखने दूंगा: राणे

दूसरी ओर महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के प्रमुख व राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने कहा कि मैं कोंकण में परियोजना के लिए एक ईंट भी रखने नहीं दूंगा। राणे ने कहा कि परियोजना को लकेर मेरा विरोध कायम है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं राज्यसभा के सदस्य पद से इस्तीफा दे दुंगा लेकिन कोंकण की जनता के साथ खड़ा रहूंगा। राणे ने कहा कि शिवसेना के खाने के दांत और तथा दिखाने के दांत और हैं। राणे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में आकर राजभवन में उद्योगपतियों के साथ बैठक करते हैं। इस बैठक में शिवसेना के उद्योग मंत्री देसाई को नहीं बुलाया जाता है। इससे पता चलता है कि शिवसेना की हैसियत कितनी है। 
 

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