बाबरी मस्जिद पर शिवसेना ने किया अदालत के फैसले का स्वागत, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

बाबरी मस्जिद पर शिवसेना ने किया अदालत के फैसले का स्वागत, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

Tejinder Singh
Update: 2020-09-30 12:24 GMT
बाबरी मस्जिद पर शिवसेना ने किया अदालत के फैसले का स्वागत, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाबरी मस्जिद विध्वंस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। राकांपा प्रवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि अदालत के फैसले पर हमें कोई आश्चर्य नहीं है। यह फैसला पहले से अपेक्षित था। उन्होंने कहा कि सबूत के अभाव में अदालत ने आरोपियों को रिहा कर दिया है पर यूट्यूब पर जाकर देखने से पता चलता है कि उस वक्त का वीडियो मौजूद है। 6 दिसंबर के पहले देशभर में हुए कार्यक्रम के वीडियो हैं। उस आधार पर केस तैयार किया जाना चाहिए था। अदालत का फैसला है इसलिए हम इसका आदर करते हैं। 

मस्जिद नहीं गिरती तो मंदिर कैसे बनताः राऊत 

दूसरी ओर राकांपा के सहयोगी दल शिवसेना ने फैसले का स्वागत करते हुए लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व उमा भारती को बधाई दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि अदालत ने कहा है कि यह पूर्व साजिश नहीं थी। इस मामले को भूल जाना चाहिए। अगर बाबरी का विध्वंस नहीं होता तो अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन कैसे होता। 

अफसोसजनक निर्णयः सचिन सावंत

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने फैसले को अफसोसजनक बताते हुए कहा कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे आपराधिक कृत्य माना था। सावंत ने कहा कि क्या बाबरी मस्जिद अपने आप गिर गई थी। साजिश को लेकर जो सबूत पेश किए गए उसे नकारा गया है। इस मामले में केंद्र सरकार की भूमिका पर संदेह होता है।     
  
 

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