शिवसेना नेत्री ने किया बुलेट ट्रेन का विरोध, कहा- बुलेट की जगह सामान्य गाड़ियों के फेरे बढ़ें

शिवसेना नेत्री ने किया बुलेट ट्रेन का विरोध, कहा- बुलेट की जगह सामान्य गाड़ियों के फेरे बढ़ें

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-05 05:27 GMT
शिवसेना नेत्री ने किया बुलेट ट्रेन का विरोध, कहा- बुलेट की जगह सामान्य गाड़ियों के फेरे बढ़ें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सत्ता में भागीदार पार्टी शिवसेना नेता नीलम गोर्हे ने जनता की समस्याओं के बहाने भाजपा पर अपरोक्ष प्रहार किया। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को बुलेट ट्रेन की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सामान्य ट्रेनों की फेरियां बढ़ाने की आवश्यकता है। बुलेट ट्रेन का सख्त विरोध करते हुए यह प्रकल्प रद्द करने की सदन में मांग रखी जाएगी। विधान भवन स्थित पार्टी कार्यालय में गोर्हे बोल रही थीं।

बड़े घोटालेबाजों को बख्श कर सामान्य नागरिकों पर शिकंजा
किसान आत्महत्या और बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर गोर्हे ने भाजपा पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में आत्महत्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। बोंड इल्ली के प्रकोप से हुए नुकसान की 70-80 प्रतिशत किसानों को भरपाई नहीं मिली है। कृषि उपज को उचित दाम नहीं मिलने से बरसों से किसानों में आक्रोश रहा है। आज केंद्र सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है।

बैंकों से किसानों को फसल कर्ज नहीं मिल रहा है, वहीं बैंकों में बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। सरकार बड़े घोटालेबाजों को बख्श कर सामान्य नागरिकों पर शिकंजा कस रही है। विदर्भ में सिंचाई घोटाला उजागर होने पर घोटालेबाजों पर गुनाह दर्ज किए गए, परंतु प्रकल्प सांस गिन रहे हैं। इसे पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। आम जनता से जुड़े इन मुद्दों पर शिवसेना दोनों सदनों में आवाज उठाएगी।

गोर्हे ने कहा कि महाराष्ट्र और देश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। राज्य में विविध स्थानों पर संघर्ष में 22 लोगों को जान गंवानी पड़ी। सरकार संघर्ष को रोकने में नाकाम रहने से नागरिकों काे मजबूरी में कानून हाथ में लेना पड़ रहा है। देश और राज्य की कानून व्यवस्था को देख यह साफ होता है कि सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है। महाराष्ट्र और मुख्यमंत्री के शहर नागपुर में भी गुनाहों का प्रमाण तेजी से बढ़ा है। इसमें से प्रकरणाें में लिप्त गुनाहगारों को राजाश्रय मिल रहा है, यह महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है। गंभीर प्रकरणाें में 52 प्रतिशत मामले दर्ज होने के सरकारी दावे को झुठलाते हुए मात्र 28 प्रतिशत प्रकरण दर्ज होने का उन्होंने दावा किया। पत्र परिषद में विधायक अनिल परब, रवींद्र पाठक उपस्थित थे।

Similar News