कहीं बिजली कट गई तो कहीं ताले में बंद हो गए शौचालय

कहीं बिजली कट गई तो कहीं ताले में बंद हो गए शौचालय

Tejinder Singh
Update: 2019-09-29 12:28 GMT
कहीं बिजली कट गई तो कहीं ताले में बंद हो गए शौचालय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण की तिमाही रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजने में महज चंद दिन रह गए हैं। इस रिपोर्ट में शहर भर के सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की बेहतर स्थिति बताने का प्रयास मनपा प्रशासन कर रहा है। शहर के सभी शौचालयों की बेहतर सुविधा, स्वच्छता और जनउपयोगिता को लेकर बड़े-बड़े दावे भी हो रहे हैं, लेकिन मनपा मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर मीठा नीम दरगाह के पास बिजली कनेक्शन कट जाने से एक शौचालय दो माह से बंद पड़ा है। महाराजबाग प्राणी संग्रहालय परिसर में बनाए गए दो शौचालयों में से एक में ताला लगा दिया गया है क्योंकि इस सुलभ शौचालय के कर्मचारी इस छोड़ कर चले गए थे। उधर पाटणकर चौक पर 27.28 लाख रुपए की लागत से शौचालय बनाने की मंजूरी मिली थी लेकिन पुलिस विभाग जगह उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहा है, जिससे यह मामला लटक गया है। कई दौरों की चर्चा के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। खुले में शौच को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें घर-घर शौचालय और सामुदायिक शौचालय बनवा रही हैं। महानगर पालिका (मनपा) संतरानगरी में भी कई शौचालयों को बनाने का दावा कर रही है। उसके अनुसार भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। लेकिन हकीकत यह है कि कई शौचालयों में विभिन्न कारणों से ताला लगा दिया गया है तो कुछ ऐसे भी शौचालय हैं जो बन ही नहीं पा रहे हैं। मनपा मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर मीठा नीम दरगाह के पास बना शौचालय बंद हो गया है क्योंकि यहां की बिजली कट गई है। महाराजबाग प्राणी संग्रहालय परिसर में बनाये गए शौचालय में संग्रहालय प्रबंधन ने ताला लगा दिया है। इसी तरह पाटणकर चौक पर बनने वाले शौचालय के लिए पुलिस द्वारा जगह देने में लेटलतीफी करने से इसका निर्माण नहीं हो पा रहा है

असामाजिक तत्वों के डर से ताला लगा दिया

महाराजबाग प्राणी संग्रहालय परिसर में सुलभ शौचालय शुरू करने के लिए नागपुर महानगर पालिका को लंबे समय तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। पंजाबराव कृषि विद्यापीठ से अनुरोध के बाद जमीन मिली। इसके बाद 38.75 लाख रुपए खर्च कर मनपा द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व संग्रहालय परिसर में सुलभ शौचालय बनाया गया था। इस शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को 30 वर्ष के लिए ठेके पर दिया गया था। यहां एक ही इमारत में दाे शौचालय तैयार किए गए थे। एक शौचालय महाराजबाग में आने वाले लोगों के लिए तो दूसरा बाहरी लोगों के लिए था। लेकिन सुलभ के कर्मचारी यहां अधिक दिनों तक नहीं टिक सके तथा शौचालय लावारिस अवस्था में छोड़ चले गए। इस शौचालय से महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में बाहरी लोगों की घुसपैठ के चलते प्राणी संग्रहालय प्रबंधन ने शौचालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया और तबसे यह बंद पड़ा है। इससे अमरावती रोड सिटी बस स्टैंड पर आने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। कुछ लोगों ने मनपा कार्यालय में इसकी शिकायत की जिसके बाद मनपा अधिकारियों द्वारा पंजाबराव कृषि विद्यालय प्रबंधन को पत्र लिखकर शौचालय का ताला खोलने का अनुरोध किया गया है। मनपा अधिकारियों के मुताबिक पंजाबराव कृषि महाविद्यालय द्वारा इस मामले में उदासीनता बरती जा रही है।

देखरेख नहीं कर पा रहा सुलभ

डॉ पंजाबराव कृषि महाविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक सुलभ इंटरनेशनल इस शौचालय की न तो देखभाल कर पा रहा है न ही नागरिकों को सेवा देने में सक्षम नजर आ रहा है। महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में आने वाले नागरिकाें को सुविधा उपलब्ध कराने की नीयत से पीकेवी द्वारा मनपा को शौचालय के लिए जमीन उपलब्ध करायी गई थी। प्राणी संग्रहालय में आने वालों के लिए शाैचालय नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाना था। इसका प्रबंधन भी सुलभ की जिम्मेदारी थी लेकिन यहां कर्मचारियों ने आना बंद कर दिया। इसके बाद पीकेवी के कर्मचारियों द्वारा इस शौचालय का रखरखाव किया जाने लगा। बाहरी व्यक्तियों की प्राणी संग्रहालय में घुसपैठ व असामाजिक गतिविधियों को रोकने के इरादे से सुलभ शौचालय के बाहरी गेट पर ताला लगाया गया है।

पेट्रोल पंप नहीं बना तो शौचालय के लिए जगह ही नहीं दी

उधर आसीनगर जोन कार्यालय अंतर्गत प्रभाग क्रमांक 2 में अत्याधुनिक शौचालय को मंूजरी दी गई थी। व्यावसायिक गोदामों, परिवहन कार्यालय के अलावा भीड़भाड़ वाला क्षेत्र होने के चलते इस स्थान का चयन किया गया था। शौचालय के लिए साल 2017-18 के मनपा बजट में 27.78 लाख रुपए का प्रावधान भी किया गया था। तत्कालीन ग्रामीण पुलिस अधीक्षक आरती सिंह से मनपा के अधिकारियों ने औपचारिक चर्चा कर मौखिक अनुमति भी ली थी। इसके बाद ग्रामीण पुलिस मुख्यालय परिसर में नाले के समीप की जगह का चयन कर प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। शौचालय के संचालन के लिए मेहतर समाज मागासवर्गीय सर्वागीण विकास संस्था को जिम्मेदारी भी दे दी गई थी। स्लम विभाग ने ग्रामीण पुलिस को अप्रैल 2018 में करीब 700 वर्गफीट जगह पर शौचालय के निर्माणकार्य के लिए प्रस्ताव भेजा, लेकिन ग्रामीण पुलिस ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। स्लम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शौचालय की जगह देने के बदले पेट्रोल पंप को नगररचना विभाग से अनुमति दिलाने की मांग की जा रही है। पेट्रोल पंप की जगह पर विवाद होने के चलते इस साल 21 जून को नगररचना विभाग द्वारा निर्माण कार्य को राेक दिया गया है। ऐसे में अब ग्रामीण पुलिस की जिद के चलते शौचालय निर्माणकार्य नहीं हो पा रहा है।    
 

Tags:    

Similar News