पिता की किताब का प्रकाशन रोकने बेटे ने ठाणे कोर्ट में दायर की है याचिका 

पिता की किताब का प्रकाशन रोकने बेटे ने ठाणे कोर्ट में दायर की है याचिका 

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-13 12:42 GMT
पिता की किताब का प्रकाशन रोकने बेटे ने ठाणे कोर्ट में दायर की है याचिका 

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने रेमंड कंपनी की ओर से ठाणे सिविल कोर्ट में दायर किए उस दावे की सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है जिसमें कंपनी के पूर्व चेयरमैन विजयपत सिंघानिया की ‘दि इनकम्प्लीट मैन’ शीर्षक के तहत प्रकाशित होने वाली आत्मकथा पर रोक लगाने की मांग की गई है। 

सुनवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर विजयपत सिंघानिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका मेें सिंघानिया ने कहा है कि उन्हें ठाणे कोर्ट जाने में असुविधा होती है इसलिए ठाणे कोर्ट में दायर किए गए दावे को मुंबई सिटी सिविल कोर्ट में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया जाए। क्योंकि मुंबई के सिटी सिविल कोर्ट में भी इसी तरह के मुद्दे को लेकर दावा दायर किया गया है। सिंघानिया ने अपनी याचिका में कहा है कि जब तक हाईकोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती है तब तक ठाणे कोर्ट में दायर किए गए दावे की सुनवाई पर रोक लगाई जाए। 

विजयपत सिंघानिया के बेटे गौतम सिंघानिया ने रेमंड कंपनी के मार्फत सितंबर 2018 में ठाणे कोर्ट में दावा दायर कर विजयपत के आत्मकथा के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की है। आशंका जाहिर की है कि उनके पिता की आत्मकथा में कई मानहानिपूर्ण बातें हो सकती हैं। गौरतलब है कि विजयपत सिंघानिया का अपने बेटे के साथ दक्षिण मुंबई में स्थित जेके हाउस नामक संपत्ति को लेकर भी विवाद चल रहा है।  

जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई के सामने विजयपत सिंघानिया की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस ने रेमंड कंपनी को 16 जनवरी तक विजयपत की याचिका पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता कार्तिक नायर ने कहा कि हाईकोर्ट ने हमे इस मामले में अपना जवाब देने को कहा है लेकिन ठाणे कोर्ट में जारी सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। ठाणे कोर्ट में दावे पर 17 दिसंबर को सुनवाई होनेवाली है। 

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