महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल ने कहा चुनाव ड्यूटी दी तो हाईकोर्ट जाएंगे

चेतावनी महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल ने कहा चुनाव ड्यूटी दी तो हाईकोर्ट जाएंगे

Tejinder Singh
Update: 2022-04-20 11:11 GMT
महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल ने कहा चुनाव ड्यूटी दी तो हाईकोर्ट जाएंगे

भास्कर संवाददाता| नागपुर. कोई भी चुनाव आए उससे संबंधित काम के लिए शिक्षकों को ही जुटाया जाता है। कोविड महामारी के कारण पहले ही शिक्षा बाधित हो चुकी है और सत्र के अंत में स्कूलों के फिर से खुलने से स्कूली शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ गया है। ऐसे में गर्मी की छुट्टियों के दौरान शिक्षकों पर मतदाता पंजीकरण का काम थोपना अनुचित है। महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल ने चेतावनी दी है कि अगर निर्देश को तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो वे उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। मतदाता पंजीकरण अधिकारियों ने कहा है कि स्कूली शिक्षकों को अवकाश के दिन मतदाता सूची का काम दिया जाएगा, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक बिना शिक्षकों की सहमति के उन्हें चुनाव का काम नहीं दिया जा सकता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर तत्काल इस निर्णय को बदले और शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी न दें। महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल  के पदाधिकारी विधायक नागो गाणार और रवींद्र फडणवीस ने जिला कलेक्टर और मतदाता पंजीकरण अधिकारी को इस संदर्भ में  पत्र लिखा है। सिर्फ शिक्षकों को ही चुनाव ड्यूटी के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है। यह काम  जिला परिषद, नगर परिषद, महानगरपालिका और अन्य  सरकारी विभागों के कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया जाता है। महानगर पालिका, जिला परिषद, निजी सहायता प्राप्त स्कूल, जूनियर और सीनियर कॉलेजों में लगभग 1100 से 1200 शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी अतिरिक्त वेतन पर हैं। महामंडल  ने सवाल उठाया है कि उन्हें चुनाव ड्यूटी क्यों नहीं दी जा रही है।
 

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