ओबीसी आरक्षण को लेकर हलफनामा दायर करेगी राज्य सरकार

सुप्रीम कोर्ट ओबीसी आरक्षण को लेकर हलफनामा दायर करेगी राज्य सरकार

Tejinder Singh
Update: 2021-12-08 15:39 GMT
ओबीसी आरक्षण को लेकर हलफनामा दायर करेगी राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने जाने के बाद अब प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का फैसला लिया है। इसके तहत सरकार सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण सहित स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति देने का आग्रह करेगी। यदि सुप्रीम कोर्ट तैयार नहीं हुआ तो सरकार ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण बहाली होने तक स्थानीय निकायों के सभी चुनावों पर रोक लगाने की मांग करेगी।बुधवार को मंत्रालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के संबंध में चर्चा हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि सरकार चाहती है कि ओबीसी आरक्षण बहाल होने तक स्थानीय निकाय के चुनाव न हो। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेगी कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण सहित स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति दी जाए या फिर सभी चुनाव रोके जाए। मलिक ने दावा किया कि ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला विरोधाभासी है। 

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के आदेश में कहा है कि 21 दिसंबर को होने वाले 106 नगर पंचायत, 2 जिला परिषद और उसके तहत आने वाली 15 पंचायत समितियों के चुनाव में ओबीसी की सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर चुनाव कराया जा सकता है। जबकि भविष्य में होने वाले चुनाव ओबीसी आरक्षण मामले का हल निकलने तक न कराए जाए। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला विरोधाभासी है। मलिक ने कहा कि देश के 9 राज्यों में 50 प्रतिशत के दायरे में रहकर ओबीसी आरक्षण दिया गया है। इसी के अनुरूप राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए जो अध्यादेश जारी किया था उस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की है। 

जबकि प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण सहित स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति देने के लिए आग्रह करेगी। या फिर स्थानीय निकाय के सभी चुनावों को टालने की मांग की जाएगी। भुजबल ने कहा कि यदि ओबीसी आरक्षण समेत स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए अनुमति मिलती है तो सरकार अगले 6 से 8 महीने में ओबीसी का एम्पिरिकल डाटा जुटाकर सुप्रीम कोर्ट को दे देगी। भुजबल ने कहा कि मैं वरिष्ठ वकीलों से ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर चर्चा के लिए दिल्ली जा रहा हूं। 

 

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