पुणे में सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों ने निकाला मोर्चा, इस नियम का कर रहे विरोध

पुणे में सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों ने निकाला मोर्चा, इस नियम का कर रहे विरोध

Tejinder Singh
Update: 2019-01-08 17:15 GMT
पुणे में सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों ने निकाला मोर्चा, इस नियम का कर रहे विरोध

डिजिटल डेस्क, पुणे। राज्य सरकार द्वारा भरे जाने वाले अभियंता पद के लिए नियमों को लेकर सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों ने मोर्चा निकाला। पद के लिए केवल डिप्लोमा पास उम्मीदवार ही आवेदन ही कर सकेंगे। यह नियम बदलने की मांग कर मंगलवार सिविल  इंजीनियरिंग के छात्रों ने आंदोलन किया। बता दें राज्य सरकार ने मेगा भर्ती शुरू की है। जिसमें कनिष्ठ अभियंता (स्थापत्य) गुट ब संवर्ग के सार्वजनिक निर्माण (405 पद), जलसंपदा (1470 पद), जलसंधारण विभाग (282 पद) ऐसे कुल 2157 पद शामिल हैं। इन पदों की भर्ती वर्ष 1970 के नियम के अनुसार की जाएगी। 

नियम के अनुसार इन पदों के लिए केवल डिप्लोमा पास उम्मीदवार ही आवेदन कर सकेंगे। इस नियम के कारण उच्चशिक्षित पद्विधारकों पर अन्याय हो रहा है। इसलिए नियम बदलने की मांग करते हुए मंगलवार को छात्रों ने शनिवार वाड़ा से जिलाधिकारी कार्यालय तक मोर्चा निकाला। छात्र चेतन डोईजोड़े ने कहा कि कनिष्ठ अभियंता पद पर भर्ती करते समय नई नियमावली तथा पुराने नियमों में बदलाव लाने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2006 को सातवें वेतन आयोग अध्यक्ष के. पी. बक्शी की अध्यक्षता में समिति नियुक्त की थी।

इस समिति ने पूरे अध्ययन के अभियांत्रिकी सेवा प्रवेश के नियमों में सुधार और महत्वपूर्ण शिफारिशों समेत वर्ष 2011 की सरकार को रिपोर्ट दी, लेकिन उस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है। लिहाजा वर्ष 1970 के नियम के अनुसार ही भर्ती की जा रही है। कई बार मांग करने के बावजूद भी इन शिफारशों पर अमल नहीं किया गया है। इसलिए सरकार का ध्यान बटोरने मोर्चा निकला गया। इस मोर्चा में नागपुर, औरंगाबाद, नाशिक, मुंबई, सोलापुर और अन्य जिलों से छात्र शामिल हुए थे।  

 

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