आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवा पत्नियों के नाम पर होगा खेती का सातबारा, करोड़ों से होगा सरकारी योजनाओं का प्रचार

आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवा पत्नियों के नाम पर होगा खेती का सातबारा, करोड़ों से होगा सरकारी योजनाओं का प्रचार

Tejinder Singh
Update: 2019-06-23 14:03 GMT
आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवा पत्नियों के नाम पर होगा खेती का सातबारा, करोड़ों से होगा सरकारी योजनाओं का प्रचार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवा पत्नियों के नाम पर खेती की जमीन का सातबारा किया जाएगा। राज्य सरकार राजस्व अभियान के तहत विधवा महिलाओं को जमीन का अधिकार दिलाया जाएगा। प्रदेश के आत्महत्याग्रस्त किसानों की विधवा पत्नियों की मदद के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। किसानों की विधवाओं की मदद के लिए प्रदेश सरकार के 9 विभाग एक साथ मिलकर काम करेंगे। किसानों की विधवा पत्नियों की मदद के लिए राज्य महिला आयोग की सिफारिशों को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। सरकार ने महिला आयोग की सिफारिशों को विभिन्न विभागों के जरिए लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार सरकार का राजस्व विभाग खेती का सातबारा आत्महत्याग्रस्त किसानों की विधवा पत्नियों के नाम पर करने में मदद करेगा। विधवा महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने में मुश्किल होने पर खेती की जमीन उस महिला के नाम पर तत्काल कर दी जाएगी। राजस्व अभियान के तहत चावडी वाचन कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को जमीन का अधिकार दिलाया जाएगा। महिला व बाल विकास विभाग को जिला स्तर पर विधवा महिलाओं के लिए विशेष सहायता कक्ष बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके माध्यम से विधवा महिलाओं को सरकारी योजना की जानकारी, कानूनी मार्गदर्शन और उनकी समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। साथ ही संपत्ति के बंटवारे में आत्महत्यग्रस्त किसानों की पत्नियों को प्राथमिकता दी जाएगी। आत्महत्यग्रस्त किसान परिवार के बच्चों के लिए सामूहिक विवाह करवाया जाएगा।

किसान आत्महत्याग्रस्त की विधिवा पत्नियों की मदद के लिए सरकार के 9 विभाग मिलकर करेंगे काम

विधवा महिलाओं की समस्याओं को संवेदनशीलता से हल करने के लिए अधिकारियों का प्रबोधन किया जाएगा। स्कूली शिक्षा विभाग को किसान आत्महत्याग्रस्त परिवार के बच्चों की शिक्षा और उनकी फीस से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए विशेष नीति लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इलाज की सुविधा के लिए हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। कृषि विभाग किसान मित्र हेल्पलाइन शुरू करने के बारे में अध्ययन करेगा। ग्राम विकास विभाग आवास योजनाओं में आत्महत्याग्रस्त किसान परिवार की विधवाओं को प्राथमिका देगा। रोजगार गारंटी योजना विभाग आत्महत्यग्रस्त जिले में मनरेगा के कामों को प्राथमिकता देकर किसानों को बच्चों में तवज्जों देगा। खाद्य, आपूर्ति विभाग व ग्राहक संरक्षण विभाग खाद्यसुरक्षा योजना का लाभ आत्महत्याग्रस्त किसान परिवारों को दिलवाने में सहयोग करेगा। 

राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए खर्च होंगे 11 करोड़ 98 लाख 

प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए तिजोरी खोल दिया है। प्रदेश में विभिन्न माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए 11 करोड़ 98 लाख रुपए खर्च होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं से जुड़ी राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को सुदूर इलाकों में रहने वाली महिलाओं तक पहुंचाने के लिए 6 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी है। जबकि सरकार के विभिन्न योजनाओं को आम लोगों तक होर्डिंग के जरिए पहुंचाने के लिए 5 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च को मान्यता दी गई है। इसके अनुसार राज्य के विभागीय मुख्यालय, बड़े शहरों और सार्जवनिक स्थानों, निजी माध्यम से आऊटडोर मीडिया, राज्य के सूचना व जनसंपर्क महानिदेशालय के सार्वजनिक बोर्ड पर सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए होर्डिंग लगाए जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिणक विकास प्रक्रिया में प्राथमिकता देकर मजबूत बनाने के लिए जागृकता फैलाई जाएगी।  
 

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