सुकमा : शिक्षा सारथी विजय कुमार मांझी बने पढ़ई तुंहर दुआर में हमारे नायक

सुकमा : शिक्षा सारथी विजय कुमार मांझी बने पढ़ई तुंहर दुआर में हमारे नायक

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-10 09:22 GMT
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डिजिटल डेस्क, सुकमा। मोहल्ला कक्षाओं में नवाचार से बच्चों को दे रहे शिक्षा सुकमा, 09 नवम्बर 2020 प्रदेश के दक्षिणी छोर में बसा जिला सुकमा हमेशा से ही अपने घने जंगलों, परंपराओं और यहां निवासरत आदिवासियों के नाम से प्रचलित है। एक ओर यहां घने जंगल है तो दूसरी ओर इन्हीं जंगलों में बीच बसे छोटे छोटे गांव जहां आज विकास की लहर तेज हो चली है। अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही सुकमा अब विकासशील जिले के रूप में भी पहचान बना रहा है। सुकमा के छात्र छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में झंडे गाड़ रहे हैं। ज्ञात हो कि इस वर्ष सुकमा के होनहार छात्रों ने दसवीं बोर्ड में जिले को प्रदेश भर में पहला स्थान दिलाया था वहीं बारहवीं की परीक्षाओं में 6वां स्थान कायम किया था। इसका श्रेय जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, शिक्षक शिक्षिकाओं कि साथ ही उन छात्रों को भी जाता है जिन्होंनं अपनी मेहनत से प्रदेश भर में जिले को गौरवान्वित किया है। पढ़ई तुन्हर दुआर से लाभान्वित हो रहे बच्चे कोरोना महामारी के दौर में बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव डाला है। कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान बंद करने पड़े। इससे सबसे ज्यादा नुकसान अध्ययनरत छात्र छात्राओं को हुआ। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के छात्र छात्राओं को उनकी पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए ऑनलाइन माध्यम से पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम चलाकर बच्चों के घरों तक शिक्षा पहुंचाने की अनूठी पहल की। जिससे प्रदेश भर के लाखों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। जिन क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा सुचारू रूप से उपलब्ध नहीं है वहां शिक्षा सारथियों की मदद से बच्चों को घर पहुंच शिक्षा उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही नेटवर्कविहीन क्षेत्रों में आफलाईन माध्यम से शिक्षा दी गई। शिक्षा सारथियों ने दिया अमूल्य योगदान आफलाईन कक्षाओं के सफल क्रियान्वयन में ग्रामीण युवक युवतियों ने शिक्षा सारथी के रुप में अपना अमूल्य योगदान दिया है। इसी तारतम्य में सुकमा जिले के छिन्दगढ़ ब्लॅाक के ग्राम पंचायत बिरसठपाल, रतिनाईकरास के रहने वाले शिक्षा सारथी श्री विजय कुमार मांझी ने अपने उत्कृष्ट योगदान से पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल पर ख्याति हासिल की है। उन्हें हमारे नायक के रूप में प्रदर्शित किया गया। श्री मांझी ने बताया कि कोरोना के कारण सभी शालाएं बंद है। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ शासन ने पढ़ाई तुम्हार दुआर कार्यक्रम के जरिए बच्चों तक ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा पहुंचाने की पहल की है। सुकमा में कई ऐसे क्षेत्र है जहां नेटवर्क की सुचारू उपलब्धता नहीं होने के फलस्वरूप बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। उन्होंने तब बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए जून 2020 से मोहल्ला कक्षाओं का संचालन शुरू किया। जिसमे बच्चों को लरनिंग किट के माध्यम से पढ़ाया गया, हर दो दिन में विजय बच्चों को दिए गए कार्य का अवलोकन कर उन्हें सही सीख देते गए। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिला और वे बेहतर करते गए। श्री मांझी ने बताया कि मोहल्ला कक्षाओं के संचालन के दौरान वे कोविड-19 की रोकथाम हेतु शासन द्वारा जारी किए गए नियमों और गाइडलाइन का पालन कर बच्चों को पढ़ाते हैं। इससे बच्चों में शिक्षा के साथ ही कोरोेना वायरस के प्रति जागरूकता और रोकथाम हेतु सजगता भी आती है।

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