प्याज के दाम से ठंड में छूट रहा पसीना, जनवरी तक राहत के आसार कम

प्याज के दाम से ठंड में छूट रहा पसीना, जनवरी तक राहत के आसार कम

Tejinder Singh
Update: 2019-12-05 15:18 GMT
प्याज के दाम से ठंड में छूट रहा पसीना, जनवरी तक राहत के आसार कम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मौसम का मिजाज कुछ भी हो, लेकिन प्याज के दाम से ठंड में भी पसीने छूटते दिख रहे हैं। खरीफ में मॉनसून की बेरुखी और हाल ही हुई बेमौसम बारिश के चलते देश में प्याज की भारी किल्लत हो गई है। दरअसल इस साल प्याज की खेती में भारी कमी आई जिसके चलते प्याज की कीमते आसमान छू रही हैं। प्याज की कीमतों में कमी के लिए लोगों को जनवरी तक इंतजार करना पड़ेगा। यह कहना है महाराष्ट्र राज्य कृषि मूल्य आयोग (राज्यमंत्री दर्जा) के अध्यक्ष पाशा पटेल का। खेती के विशेषज्ञ माने जाने वाले पूर्व विधायक पटेल ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि दरअसल कर्नाटक के चित्रदुर्ग में हर साल 60 से 70 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती होती थी  लेकिन इस साल वहां केवल 7 से 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज लगाई गई। ऐसा बारिश के अभाव में हुआ। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में इस साल गत 40 वर्षों में सबसे कम प्याज के बीज बिके। पटेल ने कहा कि दुनियाभर मे भारत के प्याज की भारी मांग है। केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 850 डॉलर प्रति टन तय किए जाने के बावजूद बांग्लादेश से भारतीय प्याज की भारी मांग है। उन्होंने कहा कि जनवरी माह में प्याज की नई फसल की आवक के बाद ही कीमतों में कमी की संभावना है। पटेल ने बताया कि देश में हर माह प्याज की मांग 60 हजार टन की है जबकि फिलहाल आपूर्ति सिर्फ 25 हजार टन की हो रही है। 

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