डकैतों के शिकंजे से शिक्षकों को पुलिस ने कराया मुक्त, छठवें दिन मिली सफलता

डकैतों के शिकंजे से शिक्षकों को पुलिस ने कराया मुक्त, छठवें दिन मिली सफलता

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-28 07:48 GMT
डकैतों के शिकंजे से शिक्षकों को पुलिस ने कराया मुक्त, छठवें दिन मिली सफलता

डिजिटल डेस्क सतना। थरपहाड़ से शुक्रवार शाम को अगवा किए गए सहायक शिक्षक फूल सिंह गोड़ और अतिथि शिक्षक पुष्पेन्द्र पटेल को पुलिस ने गुरुवार देर रात डकैतों के चंगुल से छुड़वा लिया। दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच नयागांव थाने लाकर परिजन से मिलाया गया। उनको सकुशल देखकर घर वालों के चेहरे खिल उठे।  पुलिस कप्तान राजेश हिंगणकर ने रिहाई की पुष्टि करते हुए डकैतों के खिलाफ अभियान तेज करने की बात कही है। उधर छ: दिन की यातना के बाद वापस लौटे शिक्षक अभी सदमे की हालत में है।  गौरतलब है कि 22 दिसंबर को शासकीय माध्यमिक शाला की छुट्टी के बाद घर लौट रहे शिक्षकों को थरपहाड़ से सशस्त्र बदमाशों ने अगवा कर लिया था। जिसके अगले दिन दोनों के परिजन से 10-10 लाख की फिरौती मांगी गई थी। वारदात के बाद हरकत में आई पुलिस ने गिरोह की पहचान की तो पता चला कि अपहरण में मारे जा चुके ललित पटेल के पुराने साथी और 10 हजार के इनामी नवल धोबी का नाम सामने आया था तभी पुलिस न कांटे से कांटा निकालने की तर्ज पर उसके तमाम करीबियों पर शिकंजा कसते हुए अपहृतों की रिहाई के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।  वारदात के बाद से तराई में उतरी भारी-भरकम फोर्स की सर्चिंग के साथ ही मुखबिरों से मिली सूचनाओं को खंगालते हुए पुलिस के रणनीतिकारों ने ऐसा प्लान बनाया कि नए-नवेले सरदार बने नवल के सामने कोई और चारा ही नहीं बचा। उसके गांव शेजवार से लेकर ससुराल खारी थाना रामपुर बाघेलान तक पुलिस ने हर उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया जिसने किसी न किसी बहाने गैंग की मदद करने का प्रयास किया था। पुलिस के इस कदम से बदमाश घबरा गया और बचने के रास्ते खोजने लगा। चौतरफा घेराबंदी और दबाव से सरगना के साथ-साथ गैंग मेम्बरों की हिम्मत भी जवाब देने लगी थी। कुछ माह पूर्व अपने पुराने सरदार ललित पटेल के हश्र को याद कर वह पुलिस से सीधी लड़ाई का जोखिम नहीं ले सकता था। इन्हीं बातों ने बहुचर्चित शिक्षक अपहरण कांड के पटाक्षेप की कहानी लिख दी थी।
पुलिस कप्तान की अगुआई ने भरा जोश
पुलिस कप्तान राजेश हिंगणकर की अगुवाई में एडी दस्ता प्रभारी अनिमेष द्विवेदी, एसडीओपी चित्रकूट आलोक शर्मा, मझगवां टीआई खेम सिंह, बरांैधा टीआई एसपीएस चंदेल, थाना प्रभारी नयागांव सुधांशु तिवारी, कोठी थाना प्रभारी ओपी सिंह, सिंहपुर थाना प्रभारी कपूर त्रिपाठी, ताला थाना प्रभारी सतीश मिश्रा के अलावा रक्षित-निरीक्षक राहुल देवलिया पुलिस लाइन में तैनात निरीक्षक राजेश पटेल, आरबी सूर्यवंशी के साथ चित्रकूट के जंगलों में कूद गए थे। एसएएफ के आधा सैकड़ा जवान बख्तरबंद गाडिय़ों के साथ पुलिस को मजबूती देने में कंधे से कंधा मिला रहे थे। उधर रीवा एसपी ललित शाक्यवार के निर्देशन में पुलिस ने डभौरा-पनवार से लगे यूपी बार्डर को सील कर दिया था। आईजी अंशुमान यादव के निर्देश पर एसएएफ की ई-कम्पनी की अलग-अलग टुकडिय़ां संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दी गई है । आईजी श्री यादव व पुलिस अधीक्षक ने शिक्षकों की रिहाई के रिहाई के लिए अथक प्रयास करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की जमकर पीठ ठोंकी है।

 

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