अंबाझरी बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुए पर नजर रखने लगाये दस कैमरे

अंबाझरी बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुए पर नजर रखने लगाये दस कैमरे

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-30 07:54 GMT
अंबाझरी बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुए पर नजर रखने लगाये दस कैमरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के आसपास के क्षेत्रों में बाघ और तेंदुए की बढ़ती गतिविधियों ने लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। मिहान और सावनेर क्षेत्र में जहां बाघ की मौजूदगी है, वहीं अंबाझरी क्षेत्र में तेंदुए ने दस्तक दी। लोगों ने पैरों के निशान देखे हैं।

वन विभाग की हिंगना वनपरिक्षेत्र की टीम ने शुक्रवार को पूरे अंबाझरी जैव-विविधता पार्क का गहन निरीक्षण किया। वन विभाग की तीन टीम ने पार्क के चप्पे-चप्पे पर तेंदुए की उपस्थिति की संभावना की जांच की। पूरे पार्क में दस कैमरे भी लगाए गए हैं। हिंगना परिक्षेत्र के राउंड ऑफिसर प्रवीण बडोले के नेतृत्व में विभाग के 12 कर्मचारी टीम में शामिल थे। पूरे दिन पार्क में गश्त जारी रही। एसीएफ सुरेंद्र काले ने बताया कि वन विभाग की टीम रात में पार्क में गश्त जारी रखेगी। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को अंबाझरी जैव-विविधता पार्क में मिले तेंदुए के पैरों के निशान के बाद पार्क को एक दिसंबर तक बंद कर दिया गया है। सुबह करीब 6 बजे टहलने निकले लोगों ने तेंदुए के पैरों के निशान देखकर इसकी सूचना वन विभाग को दी। 

इधर बाघ ने किया बैल का शिकार
 खेती के तबेले में बंधे एक बैल का बाघ ने शिकार कर लिया।   कोच्छी शिवार में नामदेव भैसारे नामक किसान की खेती है। वहां तबेले में बैल जोड़ी बंधी थी।  सुबह जब किसान खेत में गया तो एक बैल तबेले के बाहर तथा दूसरा बैल मृत अवस्था में बलवंतराव ढोबले के खेत के समीप दिखाई दिया। बाघ ने एक बैल का शिकार किया। बाघ के हमले के पूर्व ही दूसरा रस्सी तोड़ कर भाग गया, जिससे उसकी जान बच गई। बैल की कीमत करीब 60 हजार रुपए बताई जा रही है। चार महीने पूर्व भी इसी परिसर में भैंस के बछड़े का बाघ ने शिकार किया था। इस मौसम में कपास चुनने का काम युद्ध स्तर पर शुरू है। घटना से मजदूर खेत में जाने से डर रहे हैं। किसान को मुआवजा देने तथा बाघ को पकड़कर जंगल में छोड़ने की मांग भाजपा कार्यकर्ता विलास ढोबले ने वन विभाग से की है।

खेत में ट्रैप लगाया
तेंदुआ है कि बाघ है, यह जानने के लिए घटनास्थल परिसर में ट्रैप लगाया है। बैल का पीएम कर नुकसान भरपाई के लिए वन विभाग को कागजात दिए गए हैं।  -प्रवीण नाईक, आरएफओ, खापा
 

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