तेंदूपत्ता से 88 गांवों को मिला रोजगार

तेंदूपत्ता से 88 गांवों को मिला रोजगार

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-30 08:47 GMT
तेंदूपत्ता से 88 गांवों को मिला रोजगार

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा(गड़चिरोली) । जिले में पिछले कुछ दिन से विभिन्न क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संकलन का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन जिले की कुरखेड़ा तहसील में सर्वाधिक 31 ग्राम पंचायतों में तेंदूपत्ता संकलन शुरू होने से क्षेत्र के 88 गांवों के मजदूरों को रोजगार मिला है। इससे क्षेत्र के मजदूर खुश नजर आ रहे हैं। विशेषत: कुरखेड़ा तहसील में तेंदूपत्ता संकलन करने के लिए बाहर जिले के मजदूर बड़ी संख्या में आ रहे हैं। 

बता दें कि, जिले में दर्जेदार तेंदूपत्ता पाया जाता है। इसलिए जिले में तेंदूपत्ता संकलन का ठेका लेने के लिए जिले  समेत बाहर राज्य के ठेकेदार भी यहां पहुंचते हैं, किंतु इस वर्ष स्थिति कुछ और ही रही। अनेक जगहों पर तेंदूपत्ता रेट को लेकर ग्रामसभा, ग्राम पंचायत और ठेकेदारों में समझौता नहीं होने से उपरोक्त कार्य ठंडा पड़ने लगा था। फिर भी कुरखेड़ा तहसील की 44 ग्राम पंचायतों में 31 ग्राम पंचायतों ने तेंदूपत्ता संकलन कार्य शुरू किया है। इस कारण तहसील के 88 गांवों के लोगों को रोजगार मिला है।

उल्लेखनीय है कि, कुरखेड़ा तहसील के सभी गांव पेसा कानून के दायरे में हैं। वहीं इनमें से घाटी, सावलखेड़ा, जांभली, लवारी आदि गांवों में वनहक अंतर्गत तेंदूपत्ता संकलन कार्य शुरू किया गया है। उधर तहसील के चारभट्टी, अंतरगांव, पुराडा, कढोली, दादापुर, रामगड़, चरवीदंड, मालेवाड़ा, आंधली, गुरनोली, खेड़ेगांव, पलसगड़, नान्ही आदि गांवों में तेंदूपत्ता नीलामी के लिए प्रक्रिया तो आयोजित की गई, किंतु ठेकेदारों से तेंदूपत्ता रेट को लेकर अनबन होने पर इस क्षेत्र के मजदूरों को तेंदूपत्ता संकलन से वंचित रहना पड़ रहा है।

वहीं तहसील के जिन गांवों में तेंदूपत्ता संकलन का कार्य शुरू है, ऐसे में गांवों में ठेकेदार, वनकर्मी और ग्रामसभाओं की मिलीभगत से क्षमता से अधिक क्षेत्र में तेंदूपत्ता संकलन हो रहा है। अनेक क्षेत्रों पर तेंदूपत्ता संकलन की वन विभाग से अनुमति नहीं लिए जाने की जानकारी भी मिली है। यही स्थिति जिले के विभिन्न हिस्सों में देखी जा रही है। यही स्थिति कुरखेड़ा तहसील में सर्वाधिक जगह की है। वन विभाग और प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। 

गौरतलब है कि पहले तेंदूपत्ता मजदूरों को उनकी मजदूरी की राशि नगद में दी जाती थी, किंतु अब उनके खाते में जमा की जाएगी। मजदूरों को 250 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से मजदूरी सरकारी दाम से मिलेगी। अनेक ग्राम पंचायतें अब तक नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाई हैं। ठेकेदारों द्वारा तेंदूपत्ता रेट को लेकर समझौता नहीं हो पाने के लिए नीलामी प्रक्रिया रुकी होने की बात कही जा रही है। नीलामी प्रक्रिया पूरी करनेवाली पंचायतों में तेंदूपत्ता की दर को लेकर मजदूरों में नाराजगी देखी जा रही है।

हाल ही में एटापल्ली तहसील के मजदूरों ने कम दाम मिलने से तेंदूपत्ता संकलन का बहिष्कार किया था।  इससे ग्रामसभाओं को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुरखेड़ा तहसील में इसके विपरीत ही काम चल रहा है। यहां वनकर्मी, ठेकेदार और ग्रामसभाओं की मिलीभगत से वन विभाग की अनुमति लिए बिना क्षमता से अधिक तेंदूपत्तों का संकलन किया जा रहा है।  

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