भांडखापा के किसानों की दबंगई: नहर में एक फीट का पाइप डालकर नदी में उतार रहे पानी
भांडखापा के किसानों की दबंगई: नहर में एक फीट का पाइप डालकर नदी में उतार रहे पानी
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पेंच परियोजना में नहर के पानी के लिए खींचतान शुरू हो गई है। टेल डिस्ट्रीब्यूटरी नहर का पानी भांडखापा के किसानों ने रोक लिया है। किसान करीब एक फीट का पाइप नहर में डालकर पानी कुलबहरा नदी के स्टाप डेम में भर रहे हैं। जिससे नहर में पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। दरअसल टेल डिस्ट्रीब्यूटरी केनाल की लंबाई 51 किलोमीटर है। जबकि 23 वें किलोमीटर पर भांडखापा है। यहां से पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जिससे आगे 29 किमी नहर पर आश्रित किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। टेल वितरक नहर का पानी कुलबहरा नदी को क्रास कर उभेगांव से होते हुए आखिरी गांव बतरी तक पहुंचना है।
साढ़े 7 हजार हेक्टेयर में करना है सिंचाई, 3 हजार हेक्टेयर में हो पा रही:
पेंच परियोजना की टेल डिस्ट्रीब्यूटरी नहर से करीब साढ़े सात हजार हेक्टेयर में सिंचाई होना है। 23 वें किलोमीटर तक करीब 3 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो पा रही है। भांडखापा से पानी आगे नहीं बढऩे पर करीब साढ़े चार हजार हेक्टेयर भूमि सिंचाई से वंचित हो रही है। यहां के किसान लगातार पानी की मांग के साथ नहरों से सिंचाई की आस लगाए बैठे हुए हैं।
विभाग के अमले को धमकाया, पाइप नहीं हटा रहे:
नहर से पाइप हटवाने पहुंचे पेंच परियोजना के अमले को भांडखापा के किसानों की दबंगई का सामना भी करना पड़ रहा है। पाइप हटवाने के लिए पहुंचे अमले को किसानों ने धमकाते हुए लौटा दिया। इधर विभाग के अधिकारियों ने तहसीलदार, एसडीएम व पुलिस अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया है। हालांकि प्रशासन की ओर से भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उधर अधूरे एक्वाडक्ट से हो रही देरी:
पेंच परियोजना की ही नांदना व हरदुआ सब डिस्ट्रीब्यूटरी केनाल में अब तक पानी नहीं छोड़ा जा सका है। वजह एक्वाडक्ट का अधूरा होना है। अधूरे पड़े एक्वाडक्ट को नहरों से कनेक्ट नहीं किया गया है। ठेकेदार गायब है। विभाग अब आनन फानन दूसरे ठेकेदार की मदद से एक्वाडक्ट और नहर को मिट्टी की फिलिंग कर कनेक्ट करने में जुटा हुआ है। अगले दो-तीन दिनों उक्त नहरों से सिंचाई की बाते कही जा रही हैं।
इनका कहना है...
भांडखापा में किसानों को समझाया जा रहा है। एसडीएम व तहसीलदार को भी स्थिति से अवगत कराया है। पानी टेल तक पहुंचे इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
- आशीष महाजन, ईई, पेंच परियोजना