सात समुंदर पार पहुंचा भंडारा में बने कोसा के कपड़े, अमेरिका से मिला रेडिमेड कपड़ों का आर्डर

सात समुंदर पार पहुंचा भंडारा में बने कोसा के कपड़े, अमेरिका से मिला रेडिमेड कपड़ों का आर्डर

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-24 10:45 GMT
सात समुंदर पार पहुंचा भंडारा में बने कोसा के कपड़े, अमेरिका से मिला रेडिमेड कपड़ों का आर्डर

डिजिटल डेस्क, भंडारा। हौसले मजबूत हो तो सफलता के शिखर पर पहुंचना नामुमकिन नहीं। इसे साबित किया मोहाडी तहसील स्थित आंधलगांव के दुर्गा बचत समूह की महिलाओं ने। बचत समूह की महिलाओं ने सात समुंदर पार अमेरिका में अपना कोसा कपड़ा व्यवसाय पहुंचाकर उन महिलाओं के सामने मिसाल प्रस्तुत की है, जो स्वयं को पुरुषों की तुलना में कमजोर मानती है। समूह की दो महिलाएं अमेरिका जाकर कोसा के कपड़ों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करेंगी। ऐसे में ग्रामीण अंचल की महिलाओं ने अपनी कर्मठता की कहानी दैनिक भास्कर से साझा की। 

बचत समूह की मेहनत रंग लाई
मोहाडी तहसील के पांच हजार जनसंख्या वाले आंधलगांव में 28 अक्टूबर 2004 को 11 महिलाओं ने मिलकर बचत समूह की स्थापना की। समूह की अध्यक्ष रेखा सोनकुसरे और कांता बारापात्रे ने समूह की कमान संभाली और समय का नियोजन कर बाजार की मांग का अध्ययन कर घर में ही कोसा निर्मिती शुरू किया। शुरुआत में धागे की बिक्री शुरू कर महिलाओं ने व्यवसाय में पैर जमाने शुरू किए। सात वर्ष पूर्व मोहाडी पंचायत समिति के विस्तार अधिकारी श्यामलाल भोयर ने दुर्गा महिला बचत समूह को मार्गदर्शन करना शुरू किया और शासन  की योजनाओं से अवगत कराया। मार्गदर्शन मिलने लगा तो महिलाओं ने भी कोसा के धागे से कपड़े की निर्मिती शुरू कर दी।

राज्य से 20 बचत समूहों का चयन
रेखा सोनकुसरे व कांता बारापात्रे ने बताया कि व्यवसाय बढ़ाने उन्हें स्थानीय बैंकों से तीन लाख रुपए तक ऋण लेना पड़ा। राज्य स्तर पर होने वाली प्रदर्शनी के लिए हजारों बचत समूह में से 120 बचत समूह का चयन किया गया। जिसमें आंधलगांव की दुर्गा महिला बचत समूह को स्थान मिला। बाद में मुंबई के कारला माल में महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादन की बिक्री हेतु स्थान दिया गया। महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवन्नोति अभियान (उमेद) और मिलाप के साथ से इस वर्ष सितंबर माह में 40  हजार रुपए के कोसा के कपड़े अमेरिकी बाजार में पहुंचाए गए। अब उन्हे रेडिमेड कपड़े का आर्डर मिला है। अमेरिका जाने के लिए राज्य के हजारों बचत समूहों में से केवल 20 महिलाओं का चयन किया गया है। उनमें दुर्गा महिला बचत समूह की दो महिलाएं शामिल हैं। 

प्रतिमाह पांच लाख का मुनाफा
दुर्गा बचत महिला समूह द्वारा कोसे का ही एक प्रकार, गीचे का धागा, साड़ी, पर्स, हैंडलूम से बनाए जाते हैं। अमेरिका में कोसा कपड़ा भेजा तो वहां से रेडिमेड कुर्ती, शेरवानी, दुपट्टा, साड़ी का आर्डर दिया गया। 20 से 25 लाख का वार्षिक व्यवसाय कर दुर्गा बचत समूह की महिलाएं वर्ष में पांच से छह लाख तक मुनाफा कमाकर पारिवारिक आय बढ़ाने में योगदान दे रही है। इस कार्य के लिए उनके परिवार के सदस्यों का साथ मिल रहा है। 


 

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