अंतिम सजा होने के बाद भी खुला हैै माफी का विकल्प

अंतिम सजा होने के बाद भी खुला हैै माफी का विकल्प

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-19 08:59 GMT
अंतिम सजा होने के बाद भी खुला हैै माफी का विकल्प

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में 14 वर्ष से अधिक सजा काट चुके बंदियों के लिए शिविर आयोजित किया। बंदियों को बताया गया कि न्यायालय से अंतिम सजा होने बाद भी सजा माफी का विकल्प खुला रहता है।  प्राधिकरण के सचिव शरद भामकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सोनाधर बनाम छत्तीसगढ़ सरकार मामले में न्याय दृष्टांत दिया है कि न्यायालय से अंतिम सजा होने के बाद भी आरोपी के पास सजा माफी का विकल्प खुला रहता है। सजायाफ्ता बंदी राष्ट्रपति, राज्यपाल और शासन के पास सजा माफी के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सजा माफी के लिए नि:शुल्क याचिका दायर की जाएगी। जेल के विधि अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 के साथ दंड प्रक्रिया संहिता में सजा माफी के प्रावधान दिए गए हैं। इन प्रावधानों के तहत सजायाफ्ता बंदी सजा माफी के लिए याचिका दायर सकते हैं। जिला विधिक सहायता अधिकारी मोहम्मद जिलानी, पैनल अधिवक्ता हीरा सिंह बैस, राजकुमार भोजक और जयराज सिंह ने बताया कि जो सजायाफ्ता बंदी सजा माफी के लिए याचिका दायर करना चाहते हैं, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उनकी याचिका नि:शुल्क दायर की जाएगी।
 

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