आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की जिला अस्पताल में मौत

आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की जिला अस्पताल में मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-02 09:05 GMT
आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की जिला अस्पताल में मौत

 डिजिटल डेस्क सतना। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की बीमारी के चलते जिला अस्पताल में मौत हो गई, जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं मृतक के परिजन ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। अस्पताल चौकी पुलिस के मुताबिक वर्ष 2015 में रामनरेश यादव की हत्या के मामले में जगत गौड़ उर्फ बड्डे पुत्र रतन गौड़ 38 वर्ष निवासी जुगरवारा थाना शाहनगर जिला पन्ना को आईपीसी की धारा 302 और 307 के अपराध पर आजीवन कारावास की सजा जिला न्यायालय पन्ना से दी गई थी। उसे वर्ष 2017 में जिला जेल से सेंट्रल जेल सतना ट्रांसफर किया गया था, तब से जगत यहीं पर सजा काट रहा था। बंदी को टीबी की बीमारी हो गई थी, जिसका इलाज जेल व जिला अस्पताल में कराया जा रहा था। विगत 28 अक्टूबर को तबियत बिगडऩे पर जेल एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय लाया गया और परिजन को भी सूचित कर दिया गया। यहां पर 5 दिन तक उपचार चलने के बाद शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे बंदी ने दम तोड़ दिया, तब जेल प्रशासन ने कोलगवां पुलिस को सूचित किया और  न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उमेश पटेल को भी अवगत कराया। उनके आने पर पंचनामा बनाते हुए डाक्टर एचके अग्रवाल, आरएन सोनी और एमएम पांडेय के पैनल से शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। इस दौरान वीडियोग्राफी भी की गई। इस दौरान रीडर प्रफुल्ल राठौर के अलावा केन्द्रीय जेल से उपजेल अधीक्षक समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। 
परिजनों ने लगाया आरोप
मृतक के छोटे भाई कमल शाह और जीजा जंगबहादुर व जुगराज सिंह ने बताया कि जगत को शरीर के दायीं तरफ लकवा की भी शिकायत थी। उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि जब जगत की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई, तब उसको अस्पताल लाया गया। यदि समय रहते बेहतर उपचार मिलता तो जान बच सकती थी। उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। मृतक के परिवार में पत्नी धनुष रानी के अलावा बेटी राजनंदनी 15 वर्ष, प्रियांजन 13 वर्ष और पुत्र प्रियांशु 8 वर्ष है। 

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