जज को गाली देने वाले आरोपी की सजा बरकरार,जानिए क्या है पूरा मामला

जज को गाली देने वाले आरोपी की सजा बरकरार,जानिए क्या है पूरा मामला

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-21 06:04 GMT
जज को गाली देने वाले आरोपी की सजा बरकरार,जानिए क्या है पूरा मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने न्यायालय की अवमानना करने और कोर्ट में मौजूद पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश करने वाले एक सजायाफ्ता कैदी की अतिरिक्त सजा कायम रखी है। आरोपी का नाम सुशील बोहारिया (35), बल्लारशाह, जि.चंद्रपुर है। उसे पहले ही हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और वह अमरावती के कारागृह में बंद है। मामला अक्टूूबर-2007 का है।

ये है मामला

हत्या प्रकरण में याचिकाकर्ता को अन्य आरोपियों के साथ कोर्ट में पेश किया जाता था। 23 अक्टूबर-2007 को उसे चंद्रपुर सत्र न्यायालय ने याचिकाकर्ता और अन्य आरोपियों को दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसी दिन शाम करीब 4 बजे याचिकाकर्ता व अन्य आरोपियों को आदेश की प्रति देने के लिए दोबारा कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। कोर्ट के फैसले से आक्रोशित याचिकाकर्ता व अन्य आरोपियों ने न्यायाधीश को भरे कोर्ट में गाली देना शुरू कर दिया। न्यायाधीश ने वहां मौजूद पुलिस बल को तुरंत आरोपियों को लॉक-अप में ले जाने को कहा, लेकिन तब ही आरोपी वहां से भागने की कोशिश करने लगे। अंतत: पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। इस धरपकड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। कोर्ट में यह बवाल करने पर चंद्रपुर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 21 जून-2014 को आरोपी को 6 माह जेल की सजा सुनवाई थी। उम्रकैद की सजा काटने के बाद आरोपी को यह अतिरिक्त सजा काटनी है, जिसे आरोपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उसे राहत देने से इंकार करते हुए आरोपी की अपील रद्द कर दी। 

करंट लगने से किसान की मौत

खापा थाने से करीब 7 किलोमीटर दूर गोसेवाड़ी में खेत में करंट लगने से किसान की मौत हो गई। मृतक का भोजराज पांडुरंग लाबडे (45) बताया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार भोजराज हमेशा की तरह गत दिनों सुबह खेत में काम करने गए थे, उन्होंने मोटर की पाइप को खेत से निकाल नदी की ओर मोड़ दिया, लेकिन पाइप में पानी कम आ रहा था। इसलिए मोटर पंप का फुटबाल चेक करने जा ही रहे थे, कि अर्थिंग वायर में उनका पैर फंस गया। करंट लगने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दोपहर तक जब भोजराज घर नहीं लौटा, तब उसका भाई शरद लाबडे खेत पर गया। भोजरात अचेत अवस्था में नजर आते ही उसने पुलिस चौकी वाकी को मामले की सूचना दी। वाकी पुलिस चौक के बीट इंचार्ज  मुकुंद लोंढे सहयोगियों के साथ घटनास्थल पहुंचे। पुलिस ने पंचनामा कर शव पोस्टमार्टम के लिए शासकीय अस्पताल भेज दिया। 

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