ठेका कंपनी का रुतबा! टूटी नहर की जांच के आदेश निरस्त
ठेका कंपनी का रुतबा! टूटी नहर की जांच के आदेश निरस्त
- पेंच परियोजना की सिवनी ब्रांच केनाल के धंसने व पानी खेतों में समाने पर कलेक्टर ने दल का गठन कर दिए थे जांच के आदेश
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पेंच परियोजना की सिवनी ब्रांच केनाल के टूटने पर तकनीकी अधिकारियों का दल बनाकर दिए गए जांच के आदेश निरस्त हो गए हैं। इससे गुणवत्ता और तकनीकी मापदंडों की अनदेखी कर रहे ठेकेदारों की तगड़ी पैठ और रुतबे का अंदाजा लगाया जा सकता है। परतापुर के पास एक्वाडक्ट के जोड़ से नहर के टूटने पर सिवनी कलेक्टर ने 3 जनवरी को जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए बकायदा दल गठित किया था। दल में पीडब्ल्यूडी, एमपीआरआरडीए और आरईएस के कार्यपालन यंत्रियों को शामिल किया गया था। जांच शुरू हो पाती इससे पहले ही 14 जनवरी को कलेक्टर ने जांच के लिए गठित दल के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने के आदेश जारी किए हैं।
एक्वाडक्ट के जोड़ से दूसरी बार टूटी नहर:
परतापुर के पास नाले को क्रास करने आरसीसी का एक्वाडक्ट बनाया गया है। एक्वाडक्ट के जोड़ से नहर की मिट्टी के धंसने के साथ ही सीपेज की स्थिति बनी। सीपेज के साथ ही लाइनिंग भी धंस गई। जिससे नहर का पानी नाले से आसपास खेतों में समाने की स्थिति बनी। यह दूसरा मौका है जब उक्त स्थान पर नहर डेमेज हुई है। पिछले साल नहर का दूसरा छोर ढहा था।
तकनीकी खामियों की वजह से टूट रही नहर:
एक्वाडक्ट और नहर के निर्माण में तकनीकी खामियां बताई जा रही हैं। जिसकी वजह से सीपेज और नहर के ढहने की स्थिति बन रही है। तकनीकी जानकारों का कहना है कि एक्वाडक्ट की डिजाइन में कमी है। दूसरा नहर मिट्टी का पुराव कर बनाई गई है, पानी के सीपेज की व्यवस्था यहां नहीं की गई है। सीपेज के पानी की निकासी के लिए फिल्टर बनाया जाता तो मिट्टी के धंसने की स्थिति नहीं बनती।
खामियाजा भुगत रहे किसान:
पेंच परियोजना की नहरें छिंदवाड़ा से शुरू होकर सिवनी तक गई हैं। निर्माण में लापरवाही और तकनीकी खामियों के चलते शुरूआती दौर में ही टूट फूट होने पर अब किसानों के सिंचाई से वंचित होने की स्थिति बन रही है। फाल्ट आते ही नहर को बंद कर दिया गया है। एक्वाडक्ट से पानी नाले में बहाया जा रहा है। जिससे नहर के जरिए आगे पानी नहीं पहुंच पा रहा है।