कारवा में पहले ही दिन पर्यटकों को दिखा बाघ

फिर शुरू जंगल सफारी कारवा में पहले ही दिन पर्यटकों को दिखा बाघ

Tejinder Singh
Update: 2021-12-26 09:33 GMT
कारवा में पहले ही दिन पर्यटकों को दिखा बाघ

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। बाघों का घर कहे जाने वाले ताड़ाेबा का बोझ कम करने के लिए जिले के विविध वनक्षेत्र में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी  शुरू की जा रही है। ऐसे में संयुक्त वनप्रबंधन समिति के सहयोग से वनक्षेत्र में पर्यटकों के लिए सफारी   बल्लारशाह वनपरिक्षेत्र के कारवा में 25 दिसंबर से पुन: शुरू हुआ है।   इसका शुभारंभ 26 जनवरी को हुआ था परंतु कोरोना के चलते बंद किया गया, जिसके बाद 25 दिसंबर से पर्यटन प्रारंभ हुआ। पहले दिन पर्यटकों के 6 वाहन पर्यटन के लिए कारवा पर्यटन के लिए गए, जिसमें एक पर्यटक न्यायाधीश अजय भटेवारा को बाघ नजर आया। प्रादेशिक वनविभाग में शुरू यह देश की पहला सफारी है। इस  पर्यटन के माध्यम से जनता के मन में वन्यजीव के लिए आस्था निर्माण हो व जनसहयोग से वनप्रबंधन करने की दृष्टि से सफारी शुरू की गई है। मध्यचांदा वनविभाग अंतर्गत  कारवा आदिवासी बहुल गांव है। जंगल की गोद में बसा है। इस वनक्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, जंगली भैंसे, भालू, जंगली बिल्ली, हिरण, चितल, सांबर, निलगाय, चौसिंगा, जंगली श्वान, 200 प्रकार के पक्षी व विविध रंग-बिरंगी तितलियां हैं। यह बात ध्यान में लेकर ग्रामीणों के सक्रिय जनसहयोग से वन-वन्यजीव प्रबंधन, मानव-वन्यजीव सहजीवन प्रस्थापित करना, वनों का शाश्वत जतन कर रोजगार उपलब्ध करने के संबंध में प्रस्ताव लिया गया। करीब 50 कि. मी. के पुरानी बैलगाड़ी व पगडंडी मार्गों का उपयोग कर पर्यटन मार्ग तैयार किए गए हैं।

सफारी पर्यटन के लिए मार्गों  के जाल कक्ष क्र. 500, 495, 496, 497, 498, 513, 515, 511, 510, 509, 499 वापस कारवा रोपवाटिका तक निर्माण किया गया है। बल्लारशाह वनपरिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे ने बताया कि, शुक्रवार को उद्घाटन होने के बाद शनिवार से शुरू कारवा सफारी  में प्रायोगिक तत्व पर एसयुवी निजी वाहनों का प्रवेश दिया जा रहा है। शनिवार को 6 वाहनों ने प्रवेश लिया। प्रवेश शुल्क 600 रुपए व गाइड शुल्क 400 रुपए है। स्थानीय गाइड को प्रशिक्षित  किया गया है। भविष्य में  उक्त पर्यटन सफारी की ऑनलाइन बुकिंग  मायताड़ोबा वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। सफारी पर्यटन क्षेत्र में ई-सवीलेंस के कैमेरे लगाए गए हैं। उसके द्वारा पर्यटकाें पर सफारी पर्यटन व वन्यजीवों के हलचल पर नजर व नियंत्रण रखने में मदद होगी। सुबह 6 से 10 बजे तक 8 वाहन और दोपहर 2 से 6 बजे तक 8 वाहनों को प्रवेश मिलेगा।

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