नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को बीस-बीस साल की कैद

नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को बीस-बीस साल की कैद

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Update: 2019-09-14 08:11 GMT
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डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । पांढुर्ना थाना क्षेत्र की एक मासूम को धोखे से एक मकान में ले जाकर तीन युवकों ने उसके साथ दुराचार किया था। दुष्कर्म पीडि़ता के बयान और साक्ष्यों के आधार पर सौंसर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती शालिनी शर्मा ने दोषी करार देते हुए बीस-बीस साल के कठोर कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। 
रास्ते में रोककर की थी जबर्दस्ती
विशेष लोक अभियोजक प्रवीण मर्सकोले ने बताया कि 5 सितम्बर 2017 की शाम 14 वर्षीय नाबालिग को उसके पिता ने कोटवार के घर से मजदूरी के रुपए लाने भेजा था। रुपए लेकर लौट रही नाबालिग को रास्ते में हीरू उर्फ हीरालाल भासकवरे (25), कपिता पिता प्रेमलाल (19), रोशन पिता रामेश्वर गजभिये (19) मिले। उन्होंने नाबालिग से कहा कि तेरे भाई से बबलू के घर में मारपीट की जा रही है। यह सुनकर नाबालिग बबलू के घर चली गई। यहां कोई नहीं था। आरोपियों ने उसे जबरन घर के अंदर बंद कर लिया। हीरालाल ने उसके साथ दुराचार किया। इस दौरान कपिता और रोशन भी मौजूद थे। दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने पीडि़ता को कमरे में बंद कर भाग गए थे। पीडि़ता की चीख सुनकर आसपास के लोगों ने दरवाजा खोलकर उसे मुक्त कराया। पीडि़ता की शिकायत पर सौंसर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए धारा 376 घ, 34 और पाक्सो एक्ट की धारा 6 में बीस-बीस साल का कठोर कारावास व एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड के अलावा अन्य धाराओं में सजा सुनाई है।
 

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