इंदौर से आए दो कैदी कोरोना पाँजिटिव निकले - केंद्रीय कारागार की चौतरफा किलेबंदी

इंदौर से आए दो कैदी कोरोना पाँजिटिव निकले - केंद्रीय कारागार की चौतरफा किलेबंदी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-13 13:30 GMT
इंदौर से आए दो कैदी कोरोना पाँजिटिव निकले - केंद्रीय कारागार की चौतरफा किलेबंदी

डिजिटल डेस्क सतना। इंदौर जेल से यहां की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किए गए रासुका के 4 में से 2  आरोपी इमरान खान(24) और  समीर (22) के कोरोना वायरस ( कोविड-19 ) से संक्रमित पाए जाने के बाद जेल मुख्यालय भोपाल ने यहां के केंद्रीय कारागार की चौतरफा घेराबंदी करा दी है। एहतियाती तौर पर सेंट्रल जेल के एक किलोमीटर के दायरे को कन्टेनमेंट एरिया घोषित करते हुए जेल पुलिस ने इसे अपनी निगरानी में ले लिया है। कन्टेनमेंट एरिया के दायरे में आने वाले हर घर की डोर टू डोर स्क्रीनिंग कराई जाएगी। मेडिकल टीम एक पखवाड़ा फालोअप करेगी। सभी से सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया गया है। इसी बीच जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा.प्रमोद पाठक ने बताया कि एहतियात के तौर पर इन दोनों बंदियों के थ्रोट स्वाब के सेंपल लेने वाले  पैथालॉजिस्ट और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस आफीसर डा. सीएम तिवारी और उनके सहयोगी आशुतोष तिवारी को 14 दिन के लिए  होम क्वारेंटाइन पर भेज दिया गया है। सीएस ने स्पष्ट किया कि यद्यपि सेंपलिंग के दौरान मेडिकल टीम ने पीपीई किट पहन रखी थी, मगर फिर भी सुरक्षात्मक उपाय अपनाए गए हैं। 
सेंपलिंग के लिए बनाई गई नई टीम :-------
पैथालॉजिस्ट और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस आफीसर डा. सीएम तिवारी और उनके एक सहयोगी के होम क्वारेंटाइन पर जाने के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के संदेहियों की सेंपलिंग के लिए एक नई टीम बनाई है। टीम में  ईएनटी स्पेशलिस्ट डा.जेएन पांडेय, डा.अमर सिंह, डा.यूएस ठाकुर और 
 डेंटिस्ट डा. देवेश गौतम के अलावा डा.अफसर अली को शामिल किया गया है।
सभी डॉक्टर पीपीई किट से लैस होकर रोस्टर सिस्टम के आधार पर संदेहियों के सेंपल लेंगे। 
   मगर डरने की जरुरत नहीं : कलेक्टर 
इसी बीच कलेक्टर अजय कटेसरिया ने स्पष्ट किया है कि जिले में स्थानीय स्तर पर अभी तक कोरोना (कोविड-19) का एक भी संक्रमित (पाजटिव)नहीं मिला है। ऐसे में किसी को भयभीत होने की जरुरत नहीं है। जिन 2 बंदियों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। वो दोनों इंदौर से सीधे यहां की सेंट्रल जेल की आइसोलेटेड सेल ले जाकर रखे गए थे। इस सेल को एक बार फिर से आइसोलेट करते हुए लॉकडाउन कर दिया गया है। साफ है कि दोनों बंदियों का उनका स्थानीय समाज से कोई संबंध नहीं है। कलेक्टर श्री कटेसरिया ने यह भी स्पष्ट किया कि इन बंदियों को जांच के लिए जिला अस्पताल नहीं लाया गया था। इनके मेडिकल चेकअप और सेंपल लेने के लिए मेडिकल टीम स्वयं सेंट्रल जेल गई थी। इसलिए इन बंदियों से सामाजिक संक्रमण का खतरा नहीं है। बंदियों के संपर्क में आए स्वास्थ्य एवं पुलिस कर्मियों को जीएनएम कॉलेज में क्वारेंटाइन किया गया है।  

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