दो इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 12 लाख रुपए का था इनाम

गड़चिरोली. दो इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 12 लाख रुपए का था इनाम

Tejinder Singh
Update: 2022-05-25 13:02 GMT
दो इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 12 लाख रुपए का था इनाम

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली. बुधवार को 12 लाख रुपए के दो इनामी नक्सलियों ने जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। समर्पण करने वाले नक्सलियों के नाम जिले के अहेरी तहसील के अर्कापल्ली निवासी रामसिंह उर्फ सीताराम बक्का आत्राम (63) व एटापल्ली तहसील के गट्टेपल्ली निवासी माधुरी उर्फ भुरी उर्फ सुमन राजू मट्टामी (34) है। राज्य सरकार ने रामसिंह उर्फ सीताराम बक्का आत्राम पर 6 लाख रुपए व माधुरी उर्फ भुरी उर्फ सुमन राजू मट्टामी पर 6 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। यह जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने बुधवार को एक पत्र-परिषद में दी। जिला पुलिस अधीक्षक गोयल ने बताया कि, रामसिंह उर्फ सीताराम बक्का आत्राम मार्च 2005 में अहेरी दलम के सदस्य पद पर भर्ती हुआ था। उसके खिलाफ हत्या के 1, मुठभेड़ 1 और अन्य 1 ऐसा कुल 3 अपराध दर्ज है। वह कसमपल्ली, गुंडुरवाही, हीकेर, आशा-नैनगुंडा, आलदंडी मुठभेड़ में लिप्त था। दूसरी ओर मााधुरी उर्फ भुरी सुमन राजू मट्टामी नवंबर 2002 में दलम में शामिल हुई। दिसंबर 2012 तक कसनसूर दलम में सदस्य के रूप में भर्ती हुई थी। उसके खिलाफ 4 हत्या, 21 मुठभेड़, 7 आगजनी एवं अन्य 5 ऐसे कुल 37 अपराध दर्ज है। आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास के लिए सरकार की ओर से रामसिंह उर्फ सीताराम बक्का आत्राम के लिए 4.5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। वहीं आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास के लिए माधुरी उर्फ भुरी उर्फ सुमन राजू मट्टामी को 4.5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। 

4 वर्ष में 49 नक्सलियों ने किया समर्पण
वर्ष 2019 से मई 2022 तक कुल 49 नक्सलियों ने समर्पण किया है। इसमें बड़े कैडर के नक्सली भी शामिल है। जिला पुलिस अधीक्षक गोयल ने नक्सलियों से विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरकार की समर्पण योजना के तहत समर्पण करने की अपील की है। 

वैद्यकीय जांच के लिए नहीं दिया जाता है पैसा
समर्पित दोनों नक्सलियों ने बताया कि, वैद्यकीय जांच के लिए पैसा नहीं दिया जाता है। नक्सल दलम में वरिष्ठ द्वारा पुरुषों और  महिलाओं के बीच भेदभाव किया जाता  है। महिला नक्सलियों को ऊंचे पदों पर पहुंचने का मौका नहीं मिलता, महिला नक्सलियों को केवल भारी काम दिया जाता है। मुठभेड़ के समय महिला नक्सलियों को आगे करके पुुरुष नक्सल भाग जाते हैं। वरिष्ठ माओवादी नेता खुद के भले के लिए  गरीब आदिवासी युवक-युवतियों का उपयोग करते हैं। सिर्फ खबरी होने की वजह से अपने ही भाइयों का खून करना पड़ता है। इन कारणों से बुधवार को दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने समर्पण किया। 

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