पवनी रेंज में मिले दो बाघों के शव, डेढ़ महीने में पांच बाघों की मौत

पवनी रेंज में मिले दो बाघों के शव, डेढ़ महीने में पांच बाघों की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-18 11:02 GMT
पवनी रेंज में मिले दो बाघों के शव, डेढ़ महीने में पांच बाघों की मौत

डिजिटल डेस्क,पवनी/ नागपुर। टाइगर जोन के रूप में विख्तात विदर्भ के फारेस्ट एरिया में एक के बाद एक बाघों की मौत से कई तरह के सवालिया निशान लगने लगे हैं। लगभग डेढ़ माह में तीन बाघों की मौत से वनविभाग पहले ही सकते में था अब पवनी रेंज में और दो बाघों का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मृत बाघों में एक नर और एक मादा है। दोनों के बीच करीब 150 मीटर का अंतर था। उनके शवों के पास ही एक गाय का शव भी बरामद होने से वन विभाग को यह मामला पहली नजर में जहरखुरानी का लग रहा है। 

वन विभाग पहुंंचा घटनास्थल पर                                                                                                                                  
पवनी रेंज के टगला राउंट के पुसदा बीट स्थित कम्पार्टमेंट नंबर 454 में वन रक्षक अरुण गए थे । शुक्रवार को गश्ती पर थे तभी दो बाघों का शव उन्हें दिखाई दिया। उसने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दी, जिसके बाद वन विभाग पूरे महकमे के साथ घटना स्थल पर पहुंचा। जांच करने पर शवों के  पास गाय का शव भी दिखाई दिया। गाय का शव होने से वन विभाग को जहरखुरानी की आशंका लग रही है। 

बावनथड़ी बांध के पिछले हिस्से में हुई घटना
उपमुख्य वनसंरक्षक डी. मल्लिकार्जुन के अनुसार घटना जहां हुई है वह क्षेत्र काफी अंदर है। बावनथड़ी बांध का पिछला हिस्सा होने से यहां से भंडारा और बालाघाट लगकर ही है। वैसे प्राथमिक जांच में यह जहरखुरानी का मामला लग रहा है। मामले की जांच के लिए मानद वन्यजीव रक्षक कुंदन हाते, प्रफुल बांभुलकर, एनटीसीए के प्रतिनिधि आदित्य जोशी, तीन पशु चिकित्सक भी मौजूद थे। कुंदन हाते ने बताया कि बाघों की मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद पता चल सकता है। घटनास्थल जंगल के बहुत भीतरी इलाके में होने से यहां पहुंच पाना भी कठिन है।

डेढ़ माह में 5 बाघों की मौत
बता दें इसी माह चिमूर वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आमड़ी (बेगड़े) स्थित गट क्रमांक 63 में किसान शेंडे के खेत में बाघ की मृत्यु होने का मामला सामने आया था। उसकी मौत करंट लगने से होने की पुष्टि हुई है। हालांकि, आरोपियों ने खुद को बचाने के चक्कर में मृत बाघ को जला दिया था। गत सप्ताह ही 4 नवंबर को चपराला में रेडियो कॉलर लगाकर छोड़ी गई बाघिन की भी करंट लगने से मौत हुई थी। इसके पहले  13 अक्टूबर को ब्रह्मपुरी से छोड़ी गई बाघिन भी खेत में लगाए गए विद्युत तारों से प्रवाहित करंट से बोर व्याघ्र प्रकल्प के समीप वर्धा जिले में मृत पाई गई। और अब नागपुर के पवनी रेंज में दो बाघों के शव एक साथ मिलना संदेह उत्पन्न कर रहा है।
 
बाघों के साथ अन्य वन्यजीव भी मिलते हैं मृत
नागपुर जिले में इसके पूर्व रेडियो कॉलर वाले प्रसिद्ध श्रीनिवास बाघ ब्रह्मपुरी वन विभाग में 27 अप्रैल को मृत पाया गया। इसके पूर्व मध्यचांदा कोठारी अंतर्गत 3 नवंबर 2016 को एक बाघ मृतावस्था में पाया गया। 3 दिसंबर 2016 को तेलंगाना राज्य के कागजनगर में मध्यचांदा वन विभाग से स्थलांतरित बाघ की भी इसी वजह से मृत्यु हुई थी। ये घटनाएं बाघों को कॉलर आईडी होने तथा किसी के जानकारी देने के बाद ही उजागर हुईं। इन घटनाओं का अब तक पर्दाफाश नहीं हुआ है। जिस तरह इस बार पवनी रेंज में बाघों के साथ गाय का शव पाया गया इसी तरह पूर्व में भी चंद्रपुर जिले में बाघ के साथ जंगली भैंसों की भी करंट से मृत्यु होने की घटना हुई थी।

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