उद्धव बोले - कोरोना को गांवों में घुसने न दें, विदर्भ-मराठवाडा के सरपंचों से साधा संवाद

उद्धव बोले - कोरोना को गांवों में घुसने न दें, विदर्भ-मराठवाडा के सरपंचों से साधा संवाद

Tejinder Singh
Update: 2021-06-11 16:00 GMT
उद्धव बोले - कोरोना को गांवों में घुसने न दें, विदर्भ-मराठवाडा के सरपंचों से साधा संवाद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संरपचों से ग्राम भाषा और पारंपरिक माध्यम से जागरूकता पैदा करके गांवों को कोरोना मुक्त बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हर गांव का एक ग्राम भाषा होती है। उसी भाषा और वासुदेव, वाघ्या- मुरली, ताल वाद्य यंत्रदावंडी के माध्यम से गांवों में कोरोना प्रतिबंधात्मक जनजागृति की जाए। कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए गांवों में कोरोना प्रतिबंधक उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को गांवों में घुसने न दें।शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद विभाग के 19 जिलों के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद साधा। मुख्यमंत्री ने जनसंख्या के अनुसार बस्ती वार टीम तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह टीम अपने-अपने बस्तियों की जिम्मेदारी संभालते हुए वहां के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सावधानी बरतने के लिए जागरुक करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों ने अपने गांवों को कोरोना मुक्त करने के लिए काफी अच्छा काम किया है। सरपंचों ने कई अभिनव उपक्रम चलाया है। व्हाट्सएप ग्रुप तैयार करके जानकारी आदान-प्रदान की जा रही है। इस तरह के उपक्रमों का राज्य भर में उपयोगकिया जा सकेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि कोरोनारोधी टीका लेने से कोरोना नहीं होता है। टीके से कोरोना का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के टीकाकरण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार उठा रही है। राज्य को टीका मिलते ही गांवों में उपलब्ध कराया जाएगा। सरपंचों का टीकाकरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का प्रयास सराहनीय है। 

आंदोलन बने कोरोना मुक्त गांव स्पर्धा- मुश्रीफ

प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि राज्य में कोरोना मुक्त गांव की स्पर्धा को केवल एक प्रतियोगिता तक सीमित न रखते हुए इसे आंदोलन बनाया जाना चाहिए। मुश्रीफ ने कहा कि 14 वें और 15 वें वित्त आयोग के निधि से ग्राम पंचायतों को बड़े पैमाने पर कोरोना प्रतिबंधात्मक सुविधा के लिए निधि उपलब्ध कराई गई है। 

मुख्यमंत्री का इन गांवों के सरपंचों से हुआ संवाद 

मुख्यमंत्री ने नागपुर के हिंगणा तहसील के पिंपलगाव, नागपुर ग्रामीण के शिरपुर,भंडारा के शहापुर, चंद्रपुर के पोंभुर्णा तहसील के जाम तकुम, मूल तहसील के राजगड, गोंदिया के आमगांव तहसील केकरंजी, अकोला के कापसी रोड,अमरावती के मोताला तहसील के धामणगाव बधे, यवतमाल के अकोला बाजार, महागांव तहसील के खडका और वाशिम के रिसोड तहसील के गोवर्धन ग्राम पंचायतों के सरपंचों से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद के कुंभेफल, बीड़ के माजलगांव तहसील के लुखेगांव, जालना के घनसांवगी तहसील के रांजणी और मंठा तहसील के जयपुर, उस्मानाबाद,  के शिंगोली, नांदेड़ के भोकर तहसील के भोसी, लातूर के सिकंदरपुर और औसा तहसील के अलमला,  परभणी के गंगाखेड तहसील के खडगांव और हिंगोली के औंढा-नागनाथ तहसील के मेठा गांव के सरपंचों सेबातचीत की। 
 

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