यूजी-पीजी विद्यार्थियों को अपनाना होगा 'ग्रामीण कनेक्ट', यूजीसी के आदेश

यूजी-पीजी विद्यार्थियों को अपनाना होगा 'ग्रामीण कनेक्ट', यूजीसी के आदेश

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-03 08:49 GMT
यूजी-पीजी विद्यार्थियों को अपनाना होगा 'ग्रामीण कनेक्ट', यूजीसी के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय सहित देश भर के शिक्षा संस्थानों को अब अपना "ग्रामीण कनेक्ट" बढ़ाना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए ग्रामीण सेवाएं अनिवार्य करने जा रहा है। बदले में विद्यार्थियों को क्रेडिट दिए जाएंगे। वहीं शिक्षकों को भी क्रेडिट स्कोर मिलेगा, जिसका फायदा उन्हें प्रमोशन व अन्य कैरियर संबंधी पहलुओं में होगा। हाल ही में यूजीसी ने इसका नाेटिफिकेशन जारी किया है। यूजीसी के अनुसार शिक्षा संस्थानों को भी अब ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देना होगा। उन्नत भारत अभियान 2.0 नामक इस मुहिम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा संस्थानों को विविध उपक्रमों, रिसर्च और कार्यक्रमों के जरिए ग्रामीण जनजीवन में अहम किरदार निभाने के आदेश दिए हैं। यूजीसी इस मुहिम में सब्जेक्ट एक्सपर्ट ग्रुप (एसएजी) के रूप में जुड़ा हुआ है। जो कि अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में ग्रामीण संपर्क व सामाजिक दायित्व को समाहित करेगा।

यह है उद्देश्य
इस उपक्रम के माध्यम से यूजीसी शिक्षा संस्थानों में थ्योरी और प्रैक्टिस के बीच गैप कम करके शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना चाहता है। साथ ही यूजीसी का शिक्षा संस्थानों का स्थानीय जनजीवन से संपर्क बढ़ाने पर जोर है। उम्मीद की जा रही है कि विद्यार्थी और शिक्षक इस उपक्रम के जरिए स्थानीय लोगों के ज्ञान और अनुभव का लाभ ले सकते हैं। इसके जरिए पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव करके राष्ट्र निर्माण के ध्येय को हासिल करने में मदद मिल सकती है।

हर विभाग के लिए अनिवार्य
विश्वविद्यालय के केवल सोशल साइंस विभाग ही नहीं, नेचुरल साइंस, इंजीनियरिंग जैसे अन्य सभी विभागों को इस उपक्रम का हिस्सा बनना होगा। इस उपक्रम में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को क्रेडिट भी दी जाएगी। साथ ही शिक्षकों को भी क्रेडिट दी जाएगी, जिसका फायदा उनके प्रमोशन व अन्य कैरियर संबंधी पहलुओं में होगा। स्थानीय निकायों, जिला प्रशासन, उद्योजकों और सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर उपक्रम आयोजित करना होगा। वहीं अपने पाठ्यक्रम में चार अध्याय जोड़ने होंगे। इसमें ग्रामीण जनजीवन की समझ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जीवन की समझ, ग्रामीण संस्थाएं, ग्रामीण विकास उपक्रम नामक चार अध्याय अनिवार्य किए गए हैं। इसकी पढ़ाई के लिए क्लासरूम के अलावा विद्यार्थियों को गांवों का दौरा भी करना होगा।
 

Tags:    

Similar News