उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने की भागवत से मुलाकात, आधे घंटे तक चली चर्चा

उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने की भागवत से मुलाकात, आधे घंटे तक चली चर्चा

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-30 09:14 GMT
उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने की भागवत से मुलाकात, आधे घंटे तक चली चर्चा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में संघ मुख्यालय में एक के बाद एक BJP नेताओं के आगमन का सिलसिला जारी है। विगत दिनों अमित शाह व उमा भारती की मुलाकात के बाद रविवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने सरसंघचालक से मुलाकात की। सिन्हा महल क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय गए। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ करीब आधे घंटे तक चर्चा के बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

सिन्हा के इस अचानक दौरे को लेकर अधिकारिक तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। फिलहाल विमानसेवा कंपनी एयर इंडिया में विदेशी निवेश का मामला अधिक चर्चा में है। सरसंघचालक डॉ. भागवत ने एक सप्ताह पहले इस मामले को लेकर चेतावनी भी दी थी। BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तो सिन्हा को हटाने का सुझाव तक दे दिया था। लिहाजा माना जा रहा है कि एयर इंडिया के मामले को लेकर सिन्हा ने सरसंघचालक से बात की।

गौरतलब है कि जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री व हाल ही में BJP छोड़नेवाले यशवंत सिन्हा के पुत्र हैं। पहले वे वित्त राज्य मंत्री बनाए गए थे। बाद में उन्हें नागरिक उड्डयन मामलों का राज्यमंत्री बनाया गया। उड्डयन मामले में जयंत सिन्हा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। श्री सिन्हा मुंबई से शाम 5.50 बजे इंडिगो विमान से यहां आए। सीधे संघ मुख्यालय पहुंचे। 7.50 बजे वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 

विदेशी निवेश का मामला 
गौरतलब है कि सरकार ने कर्ज के बोध में राष्ट्रीय एयरलाइंस की बिक्री की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इस मामले पर सरसंघचालक ने एक कार्यक्रम में कहा था कि एयर इंडिया का नियंत्रण और प्रबंधन किसी भारतीय कंपनी के हाथ में रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि अपने आसमान का नियंत्रण और स्वामित्व नहीं गंवाना चाहिए। दुनिया में कहीं भी राष्ट्रीय एयरलाइन में 49 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश की अनुमति नहीं है। जर्मनी में तो विदेशी हिस्सेदारी 29 प्रतिशत ही है।

इसी मामले पर सरसंघचालक की चेतावनी का समर्थन करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विट करके कहा था कि एयर इंडिया की बिक्री को अगले साल तक टाल देना चाहिए। साथ ही उन्होंने सिन्हा को मंत्री पद से हटाने की मांग की थी। 
 

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