युनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया कोरोना से पीड़ित बीमित को क्लेम

सारे दस्तावेज देने के बाद कई तरह की निकाली जा रही खामी युनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया कोरोना से पीड़ित बीमित को क्लेम

Safal Upadhyay
Update: 2022-08-17 09:29 GMT
युनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया कोरोना से पीड़ित बीमित को क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी भी तरह की बीमारी होती है, तो हमारी इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देती है। इसी तरह के लुभावने वादे कर बीमा कंपनी के एजेंटों के माध्यम से बीमा कराया जाता है। पीड़ितों का आरोप है कि जब पॉलिसी धारक बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं तो बीमा कंपनी अपना असली रूप दिखाती है। ऐसे ही अनेक मामले शिकायतों के माध्यम से आए हैं, जिसमें कोविड के मरीजों को भी बीमा कंपनी द्वारा क्लेम एक वर्ष बाद भी नहीं दिया जा रहा है। अस्पताल व दवाइयों के बिल देने के बाद भी बीमा कंपनियाँ पीड़ितों को चक्कर लगवा रही हैं। तरह-तरह के दस्तावेज माँगे जाते हैं। समय पर डिमांड के अनुसार दस्तावेज उपलब्ध करा भी दिए जाते हैं, उसके बाद भी पॉलिसी धारकों को परेशान किया जा रहा है। टोल-फ्री नंबर में संपर्क किया जाता है तो उसमें भी बीमा कंपनी के अधिकारी सही जवाब नहीं देते हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

बिल व चिकित्सकों की रिपोर्ट को किया जा रहा है दरकिनार

विजय नगर उखरी निवासी मुकेश कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी है। पॉलिसी क्रमांक 0504002820पी102561452 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। वे अप्रैल 2021 में कोरोना से पीड़ित हो गए थे। उन्हें गंभीर अवस्था में परिजनों ने दमोहनाका स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया गया था तो बीमा कंपनी ने बिल सबमिट करने पर सारा बिल देने का वादा किया था। मुकेश ने स्वस्थ होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सबमिट किए थे। बिल जमा होने के बाद बीमा कंपनी की टीपीए कंपनी ने सारे दस्तावेजों में अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं। बीमित के द्वारा अस्पताल के माध्यम से सत्यापित कराकर दस्तावेज भेज गए पर उसके बाद भी जिम्मेदार संतुष्ट नहीं हुए और उसमें तरह-तरह की खामियाँ निकालीं। टोल फ्री नंबर में बात की और बीमा कंपनी में बीमित ने मेल भी किया पर किसी तरह का सही जवाब नहीं मिला। परेशान होकर बीमित को कंज्यूमर कोर्ट में सारे दस्तावेज के साथ शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

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