रिक्त पदों ने बढ़ाई मुश्किलें, यूनिवर्सिटी से संंबंद्ध कालेजों के सामने संकट

रिक्त पदों ने बढ़ाई मुश्किलें, यूनिवर्सिटी से संंबंद्ध कालेजों के सामने संकट

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-27 12:25 GMT
रिक्त पदों ने बढ़ाई मुश्किलें, यूनिवर्सिटी से संंबंद्ध कालेजों के सामने संकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों के सामने संकट की स्थिति है। दरअसल राज्य में लंबे समय से बंद पड़ी पदभर्ती के कारण कॉलेजों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों के सहारे कामकाज चल रहा है। इधर नागपुर  यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों की सम्बद्धता के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू की है। खामियों वाले कॉलेज मे आगामी सत्र के प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने हैं। इसके बाद नागपुर यूनिवर्सिटी कॉलेजों का एकेडमिक ऑडिट भी कराने वाला है। जिसमें शिक्षकों की नियुक्तियां एक अहम फैक्टर है। लेकिन इधर राज्य सरकार ने शिक्षक पदभर्ती की जो घोषणा की, वह एक प्रकार का लॉलीपॉप प्रतीत हो रही है। 

ऐसा इसलिए 
क्योंकि अधिकांश कॉलेजों को अब तक पदभर्ती के लिए एनओसी नहीं मिल सकी है। जिसके कारण कॉलेजों में पदभर्ती शुरू नहीं हुई है। जनवरी मुंबई में विविध विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने 28 फरवरी तक कॉलेजों में रिक्त पदों में से 40 प्रतिशत पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था। इस आदेश के अनुसार राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय और गोंडवाना विश्वविद्यालय से संग्लग्न करीब 150 कॉलेजों में लगभग 900 शिक्षकों की नियुक्ति की जानी थी। इसमें नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले का समावेश था। निर्धारित टाइम-टेबल के अनुसार कॉलेजों को 1 से 15 फरवरी के बीच विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाना था। लेकिन प्रक्रिया पूरी करना तो दूर यहां पदभर्ती शुरु भी नहीं हो सकी है।
 
बड़ी है रिक्त पदों की संख्या

बता दें कि, प्रदेश भर के कॉलजों में शिक्षकों के करीब 10 हजार पद रिक्त हैं। करीब एक माह पूर्व प्रदेश में शिक्षक पदभर्ती पर सरकार का फैसला हुआ है। इस दिशा में अध्यादेश भी जारी किया गया है, लेकिन इस घोषणा को एक वक्त हो चुका है। ऐसे में उम्मीदवारों के बीच असंतोष  बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से क्लॉक आवर बेसिस पर नियुक्ति शिक्षकों में मानधन नहीं बढ़ने और कांट्रैक्ट या फिर स्थाई नियुक्ति नहीं मिलने से नाराजगी है।
 

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