रेमडेसिविर को लेकर बवाल, कंपनी निदेशक से पूछताछ करने पर नाराज भाजपा नेता पहुंचे थाने- कांग्रेस, राकांपा ने उठाए सवाल

रेमडेसिविर को लेकर बवाल, कंपनी निदेशक से पूछताछ करने पर नाराज भाजपा नेता पहुंचे थाने- कांग्रेस, राकांपा ने उठाए सवाल

Tejinder Singh
Update: 2021-04-18 13:35 GMT
रेमडेसिविर को लेकर बवाल, कंपनी निदेशक से पूछताछ करने पर नाराज भाजपा नेता पहुंचे थाने- कांग्रेस, राकांपा ने उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंडेक्शन को लेकिन चल रहा विवाद पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया। शनिवार रात इंजेक्शन की जमाखोरी की शिकायत मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने ब्रुक फार्मा नाम की कंपनी के निदेशक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया तो इससे नाराज विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ आधी रात को पुलिस स्टेशन पहुंच गए। फडणवीस ने आरोप लगाया कि एक मंत्री के ओएसडी के इशारे पर फार्मा कंपनी के निदेशकर को परेशान किया जा रहा है। वहीं पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद  ब्रुक फार्मा के निदेशक राजेश डोकानिया को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और इससे जुड़े कागजात देखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। कंपनी के पास रेमडेसिविर के 60 हजार इंजेक्शन हैं। फडणवीस शनिवार रात पहले विलेपार्ले पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां उन्हें बताया गया कि डोकानिया को पूछताछ के लिए डीसीपी मंजूनाथ शिंगे के ऑफिस में ले जाया गया है। इसके बाद फडणवीस और दूसरे लेता शिंगे के ऑफिस पहुंच गए जहां उनकी पुलिसवालों से जमकर बहस हुई। फडणवीस करीब एक घंटे बाद डीसीपी ऑफिस से बाहर निकले जब डोकानिया को छोड़ दिया गया। मीडियाकर्मियों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि चार दिन पहले प्रवीण दरेकर और विधायक प्रसाद लाड दमन में गए थे। उन्होंने ब्रुक फार्मा के अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनके पास मौजूद स्टॉक महाराष्ट्र को देने को कहा था। उन्होंने बताया कि हमारे पास निर्यात का लाइसेंस हैं इसे देश के भीतर देने के लिए इजाजत की जरूरत होगी। इसके बाद भाजपा नेताओं ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से बात की और उन्होंने ब्रुक फार्मा का टाइअप रेड्डीज से कर दिया जिससे उनके लाइसेंस पर उत्पादन किया जा सके। इसके बाद हमने उन्हें कहा कि आपके पास जितने इंजेक्शन है उसे महाराष्ट्र के लिए दीजिए। इसके लिए दमन और महाराष्ट्र एफडीए से मंजूरी ली गई। हमारे पास इसके कागजात है। लेकिन एफडीए के जो मंत्री हैं उनके ओएसडी ने फोन कर धमकी दी कि आप उन्हें माल क्यों दे रहे हैं हमें आपको इंजेक्शन देना चाहिए। इस मुद्दे पर प्रवीण दरेकर ने उनसे बात की जिसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास मौजूद है। उसके बाद रात 9 बजे 10 लोग उनके घर पहुंचे और पूछताछ के नाम पर पुलिस स्टेशन लेे आए। इस मामले में जो राजनीति चल  रही है वह ठीक नहीं है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा उत्पाद महाराष्ट्र को  देने का वादा किया था इसके बाद जिस तरह से उन्हें परेशान किया जा रहा है वह गलत है। फडणवीस ने राकांपा नेता नवाब मलिक पर हमला बोला और कहा कि उनको लोगों के जीने मरने से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें केवल राजनीति करनी है। जैसा पत्र गुजरात एफडीए ने निकाला है ठीक वैसा ही पत्र महाराष्ट्र एफडीए ने भी निकाला है। राज्य सरकार झूठ बोलकर अपनी जिम्मेदारी दूसरों के कंधे पर डालने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस, राकांपा ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि एक कारोबारी से अपने रिश्ते बचाने के लिए विपक्ष के दोनों नेता देवेंद्र फडणवीस और प्रवीण जरेकर दौड़कर जाते हैं और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। इससे आश्चर्यजनक और कुछ नहीं हो सकता। आम लोगों के लिए वे ऐसा कभी नहीं करते। इसमें मुंबई पुलिस की क्या गलती है। उनके पास जानकारी थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन काफी मात्रा में मुंबई में मौजूद है जिसकी जानकारी नहीं दी गई है। पुलिस दो दिन से संबंधित अधिकारी से पूछताछ की कोशिश कर रही थी। महामारी के समय जब लोग मर रहे हैं क्या मुंबई पुलिस पूछताछ भी नहीं कर सकती। पुलिस ने अपने कर्तव्य का पालन किया है। भाजपा नेताओं को इतनी तकलीफ क्यों है इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। राकांपा नेता और राज्य के मंत्री जयंत पाटील ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की जानकारी के बिना भाजपा  नेता इतनी बड़ी मात्रा में जीवनावश्यक दवा हासिल कर सकते हैं। मुंबई पुलिस अपने जमाखोरी पर लगाम लगाने के अपने कर्तव्य का पालन कर रही थी। राज्य के एक और मंत्री नवाब मलिक ने भी भाजपा नेताओं के पुलिस स्टेशन पहुंचने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रात 11 बजे देवेेंद्र फडणवीस और प्रवीण दरेकर राजेश डोकानिया की वकालत क्यों कर रहे हैं। भाजपा को इसका खुलासा करना चाहिए। पुलिस महाराष्ट्र के हित में काम कर रही है। इससे पहले शनिवार को भी मलिक ने आरोप लगाया था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने वाली 16 कंपनियों को केंद्र सरकार ने धमकी दी है कि अगर महाराष्ट्र को इंजेक्शन सप्लाई की गई तो कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा
 

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