विधानसभा प्रश्नोत्तर : पानी को लेकर जमकर हुआ हंगामा, स्कूलों में अनिवार्य होगी मराठी, मराठा आरक्षण बिल मंजूर

विधानसभा प्रश्नोत्तर : पानी को लेकर जमकर हुआ हंगामा, स्कूलों में अनिवार्य होगी मराठी, मराठा आरक्षण बिल मंजूर

Tejinder Singh
Update: 2019-06-20 13:14 GMT
विधानसभा प्रश्नोत्तर : पानी को लेकर जमकर हुआ हंगामा, स्कूलों में अनिवार्य होगी मराठी, मराठा आरक्षण बिल मंजूर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल में मराठा समाज के छात्रों के आरक्षण के लिए विधानसभा में विधेयक पारित कर दिया गया है।इसके पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। दरअसल राज्य सरकार ने ३० नवंबर २०१८ को मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए कानून लागू किया था। इसके लिए राज्य सरकार नेमहाराष्ट्र राज्य सामाजिक व शैक्षणिक रुप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) वर्ग तैयार किया था। इसके तहत शिक्षा संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठा समाज को १६ फीसदी आरक्षण दिया गया। लेकिन सामान्य वर्ग के छात्रों ने पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्समें इसी साल से आरक्षण लागू करने को यह कहते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी कि पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स एडमिशन की प्रक्रिया अक्टूबर 2018 में शुरू हो गई थी जबकि एसईबीसी  को आरक्षण देने का कानून नवंबर 2018 में लागू हुआ। इसलिए मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स के लिए मराठा आरक्षण के तहत एडमिशन इस शैक्षणिक वर्ष से नहीं होना चाहिए।इसके बाद हाईकोर्ट ने इसे रद्द करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को कायम रखा। इसके बाद मराठा समाज के छात्रों ने आजाद मैदान पर धरना शुरु कर दिया था। मराठा समाज के छात्रों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने पहले अध्यादेश जारी किया, अब इस अध्यादेश को विधेयक में तब्दील कर इसे विधानसभा से पारित कर दिया गया है।  

पानी को लेकर जमकर हुआ हंगामा

मराठवाडा इलाके में मई के आखिरी तक 11 बड़े जलाशयों में 1.94 फीसदी, 75 मध्यम जलाशयों में 1.27 फीसदी और 749 छोटे जलाशयों में 1.65 फीसदी पानी ही उपलब्ध था। इसीलिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बांधों के पानी का इस्तेमाल सिर्फ पीने के पानी की आपूर्ति के लिए करें। जलसंसाधन मंत्री गिरीष महाजन ने विधानसभा में यह जानकारी दी। भाजपा के मिलिंद माने, राकांपा के अजित पवार, कांग्रेस के हर्षवर्धन सकपाल आदि सदस्यों ने विदर्भ, मराठवाडा और पश्चिम महाराष्ट्र के कई इलाकों में पानी की किल्लत से जुड़ा सवाल पूछा था। राकांपा नेता अजित पवार ने आरोप लगाया कि सही नीति न होने के चलते इतनी समस्या हुई। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच विवाद के बीच विधानसभा की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। अजित पवार ने उजनी बांध से पानी निकाले जाने का मुद्दा उठाया इस पर मंत्री गिरीश महाजन ने आश्वासन दिया कि शुक्रवार को अजित पवार और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा। 

शिक्षक तबादले के लिए फर्जी कागजात मामले की हो रही जांच

नागपुर जिला परिषद के तहत कार्यरत शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन तबादला प्रणाली में अर्जी के दौरान फर्जी प्रमाणपत्रों जोड़ने के मामले की जिला परिषद के शिक्षाधिकारी (माध्यमिक) के जरिए विभागीय जांच कराई जा रही है। विभागीय जांच के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे ने यह जानकारी दी। भाजपा के चरण वाघमारे , कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार, सुनील केदार आदि सदस्यों ने शिक्षकों द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र जोड़कर अर्जी करने का मुद्दा उठाया था। जवाब में मंत्री मुंडे ने फर्जीवाड़े की बात सामने आने की बात स्वीकार करते हुए जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

जर्जर इमारतों की मरम्मत के लिए तैयार होगी योजना

राज्य के सभी जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार जल्द ही योजना तैयार करेगी और संबंधित विभागों से बातचीत कर इसके लिए निधी उपलब्ध कराई जाएगी। जिला परिषद के स्कूलों की मरम्मत के लिए इस साल 64 लाख रुपए की निधी उपलब्ध कराई गई है। ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। शिवसेना के सत्यजीत पाटील सरुडकर ने कोल्हापुर के पन्हाला तालुका में स्थित जर्जर जिला परिषद स्कूलों की मरम्मत का मुद्दा उठाया था जवाब में मंत्री मुंडे ने बताया कि यह समस्या राज्यभर की है और फिलहाल मरम्मत तक जर्जर स्कूलों की कक्षाओं के बजाय वैकल्पिक जगहों पर विद्यार्थीयों को पढ़ाने की कोशिश की जा रही है। 

प्रदेश के सभी स्कूलों में अनिवार्य होगी मराठी की पढ़ाई

इसके अलावा अब प्रदेश के सभी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य होगा। इसके लिए राज्य सरकार संबंधित कानून में बदलाव करेगी। विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा की। सदन में औचित्य का मुद्दा के जरिए शिवसेना की सदस्य नीलम गोर्हे ने यह मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि  स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाए जाने को लेकर कानून है लेकिन मेरे संज्ञान में आया है कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के कुछ स्कूल इसका पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए कानून में बदलाव कर सख्त कानून बनाया जाएगा। प्रदेश में सभी बोर्ड के स्कूलों को मराठी पढ़ाना अनिवार्य होगा। इससे पहले गोर्हे ने कहा कि अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत देशमुख के नेतृत्व में मराठी भाषिक लोग 24 जून को आंदोलन करने वाले हैं। वे स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाने जाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन करेंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करूंगा। साथ ही उनकी मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश के सांस्कृतिक कार्य मंत्री विनोद तावडे को जिम्मेदारी दी जाएगी।


 

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